राहुल को सजा के खिलाफ भड़के कांग्रेसी, प्रदर्शन कर दी गिरफ्तारी

देहरादून।  कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मान हानि के एक मामले मे अदालत के फैसले से गुस्साये कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और मोदी सरकार का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ प्रपंच बताया। वर्ष 2019 में मोदी उपनाम को लेकर राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी के मामले में आज सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देकर फैसला सुनाया। दूसरी तरफ देशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मामले के खिलाफ प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी।

प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घंटाघर तक रैली निकली और प्रदर्शन कर जाम लगाया। बाद मे पुलिस ने कांग्रेस नेताओ को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें पुलिस लाइन ले आयी। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष व विधायक चकराता प्रीतम सिंह, पूर्व काबीना मंत्री नवप्रभात, शूरवीर सिंह सजवाण, पूर्ण विधायक राज कुमार, सूर्यकांत धस्माना, लालचंद शर्मा, मनीष नागपाल, लक्ष्मी अग्रवाल सहित कई लोग मौजूद रहे।

जाँच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर लोकतंत्र समाप्त करना चाहती है भाजपा:आर्य

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार गैर भाजपाई राजनीतिक दलों के नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों – सीबीआई , ईडी आदि का गलत इस्तेमाल कर देश में लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए ईडी द्वारा घंटों पूछताछ की गयी। आर्य ने कहा कि केन्द्र सरकार की संस्थाओं के इस कदम को असंवैधानिक व दबावपूर्वक कार्यवाही बताया। इन कार्यवाहियों से जांच एजेंसी की साख खराब हो रही है उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि , संबैधानिक और जांच संस्थाओं के दुरुपयोग से देश में 70 साल से बचे लोकतंत्र पर पिछले 8 साल में में बहुत चोट पंहुची है।
आर्य ने कहा कि पिछले कुछ सालों से केंद्र की भाजपा सरकार को देश के जिस भी राज्य में विपक्षी दल मजबूत नजर आते हैं वँहा सीबीआई- ईडी का दबाव डालकर या तो सत्ता परिवर्तन कर देती है या सरकारों को गिरा देती है। 2014 के बाद अब तक सीबीआई ने जितने भी केस दर्ज कराए हैं , उसमें 95 प्रतिशत सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं के विरुद्ध हैं। इस दौरान मोदी सरकार के दौरान ईडी ने 3000 से अधिक तक जगहों पर रेड मारी है । इनमें से अधिकांश विपक्षी नेताओं पर की गई।
यशपाल आर्य ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, ईडी ने जितने भी केस दर्ज किए उनमें से वह केवल मात्र 0.05 प्रतिशत मामलों में ही सजा करवा पायी है। उन्होंने कहा इससे निष्कर्ष निकलता है कि , अदालत में लगभग सभी केस फर्जी साबित हुए ।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी तक सरकारों को गिराने , सरकारों को बदलने के लिए जांच एजेंसियों का प्रयोग करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार अब देश के ज्वलंत मुद्दों और आम जनमानस जी आवाज़ उठाने वाले नेताओं के विरुद्ध भी सीबीआई, ईडी और पुलिस का प्रयोग कर रही है। उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा लोकतंत्र को अपमानित करने का प्रयत्न बताया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , राजनीतिक प्रतिशोध और सियासी विरोधियों को परेशान करने वाली हर कार्यवाही का कांग्रेस का हर सिपाही पूरा जबाब देगा । उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आवाह्न किया कि , “वे देश का लोकतंत्र बचाने के लिए किसी भी हद तक संघर्ष के लिए तैयार रहें।

सजा के खिलाफ आंदोलन न्यायालय के निर्णय का अपमान:भट्ट

भाजपा ने राहुल गांधी को सजा के खिलाफ कांग्रेस के आंदोलन को न्यायालय के निर्णय का अपमान एवं न्यायिक प्रक्रिया पर दबाब बनाने वाला बताया है । घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इससे अधिक दोहरा चरित्र क्या हो सकता है एक और इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे इस समूचे घटनाक्रम पर न्यायलय पर विश्वास जताने और उच्च न्यायालय में अपील करने की बात करते हैं, दूसरी ओर राज्य के नेताओं में अपने-अपने नंबर बढ़ाने के लिए गिरफ्तारी देने की होड़ लगी है।

पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए भट्ट ने कहा कि न्यायालय ने 4 वर्षों की प्रक्रिया के बाद राहुल गांधी को मानहानि का दोषी पाते हुए 2 वर्ष की सजा सुनाई है। लेकिन अफसोस इस निर्णय के बाद अपने नेता के एक पूरे समाज का अपमान करने वाले बयान पर शर्मिंदा होने या गलती मानने के बजाय भाजपा के विरोध में आंदोलन करना औचित्यहीन व सस्ती राजनीति है । उनका विरोध प्रदर्शन व गिरफ्तारियां देना सीधा सीधा माननीय न्यायपालिका के निर्णय के खिलाफ व देश की न्यायिक प्रक्रिया का अपमान है ।

उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, गलती इनके नेता करे और उस गलती पर सजा न्यायालय दे, ऐसे में प्रदर्शन भाजपा के खिलाफ करना उनके नकारात्मक राजनैतिक इरादों को जाहिर करता है ।

भट्ट ने इस पूरे मसले पर स्पष्ट करते हुए कहा, न्यायालय द्वारा राहुल गांधी को अपनी बात रखने का पूरा मौका देने के बाद ही यह निर्णय दिया गया है, लिहाज़ा कांग्रेसियों को बजाय सड़कों पर प्रदर्शन करने के, अपने युवराज को इस तरह के तात्कालिक लाभ वाली या पीएम मोदी से घृणा भरी बयानबाजी करने से रोकना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि जुबान फिसलने या बयान से किनारा करने जैसे कांग्रेसी बहाने न्यायालय में नहीं चलने वाले । उन्होंने सलाह देते हुए कहा, उत्तराखंड की जनता ऐसी नौटंकी को बखूबी समझती है लिहाज़ा बेहतर है कांग्रेस अपनी ताकत और तर्क आगे की कानूनी लड़ाई के लिए बचा कर रखे ।

 

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