देहरादून। उतराखंड आयुर्वेदिक विवि के पूर्व राजिस्ट्रार राजेश कुमार अदाना के शैक्षिक दस्तावेजों की शासन स्तर से जाँच शुरू हो गयी है। अदाना पर एक सत्र मे दो डिग्रियां लेने का आरोप है। इसमे उनके द्वारा 1999 मे कानपुर विवि से बीएएमएस व 1999 मे गुरुकुल कांगड़ी विवि से सत्र 1999 मे एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन योगा एक संस्थागत छात्र के रूप मे किये हैं।
सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडे ने कुलपति सीएसएम कानपुर विश्व विधालय, कुलपति गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार तथा कुलपति एचएनवी केंद्रीय विवि श्रीनगर को पत्र लिखकर जाँच आख्या मांगी है। डॉ मृत्युंजय कुमार की 13 विंंदुओ के आधार पर जाँच कर कार्यवाही का अनुरोध किया गया है।
दूसरी और अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे ने राजेश कुमार अदाना से शिकायती पत्र पर 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। अदाना वर्तमान मे आयुर्वेदिक चिकित्सालय जसपुर खाल मे तैनात है।
गौरतलब है की आयुर्वेदिक विवि और शासन के बीच अधिकारों को लेकर तनातनी लंबे समय से रही है। पूर्व मे चिकित्सकों की संबद्धता समाप्त किये जाने पर अदाना मूल विभाग मे वापसी को रोकने के लिए आखिरी क्षणों तक मैदान मे डटे रहे और शासन के आदेशों को नजरंदाज करते रहे, लेकिन अदालत के फैसले के बाद उन्हें आखिर मे अपने मूल पद पर लौटना पड़ा। इस दौरान उन पर फर्जी तरीके से एक साल मे दो डिग्रियां लेने का आरोप सामने आया और शासन ने शिकायती पत्र पर जाँच शुरू कर दी है।