देहरादून। शासन के आदेशों की लगातार नाफरमानी करने वाले आयुर्वेदिक विवि मे लंबे समय से डटे आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद झटका लगा है। राजनीतिक पहुँच के चलते लंबे समय से राजिस्ट्रार के पद पर कार्य कर रहे राजेश कुमार अदाना सहित 22 चिकित्साधिकारियों को शासन ने 24 घंटे के भीतर अपने मूल स्थान मे सेवाएं देने के निर्देश दिये है।
उप सचिव गजेंद्र सिंह कफलिया ने जारी पत्र मे हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों का नियुक्ति प्राधिकारी शासन है। चिकित्साधिकारियों की संबद्धता समाप्त किये जाने पर वह बिना कुलपति अथवा विवि से कार्यमुक्ति आदेश की प्रतिक्षा किये बिना 24 घण्टे के भीतर अपना योगदान मूल तैनाती स्थल पर सुनिश्चित करे। मूल स्थान पर ज्वाइन के बाद शासन स्तर से उनके वेतन के बारे मे आदेश निर्गत होंगे।
गौरतलब है कि पूर्व मे आयुर्वेदिक विवि मे संबद्धता समाप्त किये जाने के बाद भी चिकित्साधिकारी अपने मूल विभाग मे नही लौटे। शासन स्तर से उन्हें कई रिमांइडर और कारण बताओ नोटिस के बाद भी उन्होंने आदेश नही माने। हालांकि बाद मे शासन ने वेतन रोकने की कार्यवाही भी की। डॉ विश्वजीत मांझी बनाम राज्य सरकार मामले मे हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिये है। वह संबद्धता समाप्त किये जाने के खिलाफ अदालत गए थे। शासन के आदेशों की लगातार नाफरमानी के बाद शासन की भी लगातार किरकिरी हो रही थी।