देहरादून। विधान सभा मे वर्ष 2016 के बाद भर्ती 228 कर्मियों की नियुक्ति को लेकर तदर्थ कर्मियों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आज सुप्रीम कोर्ट मे तदर्थ कर्मियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय को यथावत रखा और याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि विगत वर्ष विधान सभा मे हुई नियुक्तियों ने जब तूल पकड़ा तो सीएम के आग्रह के बाद विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने 2012 के बाद हुई सभी नियुक्तियों की तीन सदस्यीय समिति ने जाँच की और 228 नियुक्तियां रद्द कर दी गयी। बाद मे तदर्थ कर्मी हाईकोर्ट गए जहाँ एकल पीठ ने बर्खास्तगी पर स्टे दे दिया। लेकिन डबल बेंच ने नियुक्तियों को रद्द कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी।
इस फैसले के बाद पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेम चंद अग्रवाल के फैसलों पर सवालिया निशान लग गए है।