देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने महिला क्षैतिज आरक्षण पर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट के फैसले से उत्तराखंड की महिलाओं के लिए राहत मानी जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार की नौकरियों में राज्य की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुग्रह याचिका (एसएलपी) पर आज सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है । मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हमारी सरकार प्रदेश की महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। हमने महिला आरक्षण को यथावत बनाए रखने के लिए अध्यादेश लाने की भी पूरी तैयारी कर ली थी। साथ ही हमने हाईकोर्ट में भी समय से अपील करके प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की थी।
उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर राज्य की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण वाले शासनादेशों पर रोक लगा दी थी। अदालत की रोक के बाद प्रदेश सरकार पर क्षैतिज आरक्षण को बनाए रखने के लिए दबाव बन गया था। विपक्षी दल सरकार को निशाने पर ले रही थी।
कोर्ट के फैसले से भाजपा के महिला हितों के प्रति प्रतिबद्धता पर लगी मुहर:भट्ट
देहरादून 4 नवम्बर , भाजपा ने महिला क्षैतिज आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सरकार की महिला हितों को लेकर प्रतिबद्धता स्पष्ट हुई है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि सरकार राज्य निर्माण की धुरी महिलाओं के हितों पर आंच नही आने देंगे। हालांकि विपक्षी इसे राजनैतिक मुद्दा बनाकर तूल देने की कोशिश करते रहे।
भट्ट ने कहा कि महिलाओं के हित मे राज्य सरकार की कई योजनाएं संचालित है और उन्हे सम्मान तथा रोजगार की दिशा मे आगे बढ़ाने की दिशा मे सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन मे अगला दशक उतराखंड का है और इसमे मातृ शक्ति की अहम भागेदारी होगी।