देहरादून। विधान सभा मे बैक डोर नियुक्तियों को लेकर गठित तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने 2016 के बाद हुई नियुक्तियों पर कड़ा एक्शन लिया है। विधान सभा मे 2016 के बाद सभी तदर्थ नियु क्तियों को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने कहा कि अनियमितताओं पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और उसने 20 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने विधानसभा के कर्मियों ने पूरा सहयोग जांच में दिया। 214 पेज की जांच रिपोर्ट में 2016 ओर 2021 में जो तदर्थ नियुक्तियां हुई थी, उसमें अनियमितताएं हुई है।
जांच समिति ने इन नियुक्तियों को निरस्त करने की सिफारिश की है। इन नियुक्तियों के लिए न विज्ञप्ति निकली, परीक्षा भी आयोजित नही हुई और सेवा योजना कार्यालय से भी डिटेल भी नही मांगी गई। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा वर्ष 2016 तक 150 नियुक्तियां, 2020 में 6 नियुक्तियां, 2021 में 72 नियुक्तियां को निरस्त करने के लिए शासन को अनुमोदन किया है।
शासन का अनुमोदन आने के बाद इन नियुक्तियों को निरस्त किये जाने का निर्णय भी लिया जाएगा। इसके अलावा विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। वर्ष 2011 से पहले की नियुक्तियां रेगुलर है, उस पर भी लीगल राय ली जाएगी। वर्ष 2012 से लेकर 2021 तक की नियुक्तियां तदर्थ थी, जिसमे शासन ने नियुक्तियों की आज्ञा दी थी, इसलिए शासन को अनुमोदन के लिए भेजा है।
गौरतलब है की विस मे बैक डोर नियुक्तियों को लेकर विपक्ष और बेरोजगार संगठन आन्दोलनरत है। आकलन है की उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य मे उत्तराखंड से कार्मिकों की संख्या कम है।