देहरादून। एसटीएफ ने 65 लाख की साइबर धोखाधड़ी के मामले मे 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने धोखाधडी के लिये फर्जी NG Traders नाम की कम्पनी बनाकर खुलवाये गये थे और फर्जी बैंक खाते एवं कम्पनी के नाम पर CUG नम्बरों का भी प्रयोग किया जा रहा था। देश भर के विभिन्न बैंकों में 18 से 20 करंट बैंक खातों का होना भी प्रकाश में आया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि कुछ समय पूर्व एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें रुडकी हरिद्वार निवासी एक पीडित द्वारा इन्वेस्टमेन्ट से सम्बन्धित जानकारी हेतू गूगल पर सर्च किया तो गूगल पर फेसबूक का एक पेज जो Judah Murazik के नाम से था जिस पर Times Now channel पर वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन का एक Video चल रहा था जिसमें 21000/- Rs इन्वेस्ट करने पर सात दिनो मे 650000/- Rs देने का वायदा किया गया था। इस पर विश्वास करके शिकायत कर्ता द्वारा उक्त फेसबुक पर दिये गये Link के माध्यम से link crypts Promarkets.com पर रजिस्ट्रेशन किया गया। जिसके पश्चात साइबर अपराधियों द्वारा सक्रिय होकर शिकायतकर्ता को फोन कर स्वयं को cryptopromarkets से Account Manager आदि बताते हुये पूर्ण विश्वास में लेकर शिकायत कर्ता से निवेश करवाकर मोटा लाभ कमाने का लालच देकर दिनांक 07 मईसे 29 मई तक विभिन्न बैंक खातों में रुपये जमा कराकर कुल 66,21,000/- रु0 की धोखाधड़ी की गयी।
साइबर क्राइम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों, बैंक खातों, व्हाट्सएप व मैसेंजर चैट्स एवं संबंधित डिजिटल माध्यमों की जानकारी हेतु बैंकों, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, डोमेन होस्टिंग कंपनियों एवं मेटा कंपनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया एवं घटना के मास्टमाइण्ड अभियुक्तों को चिन्हित कर अभियुक्तों के विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर दबिशें दी गयी तथा पुलिस टीम द्वारा गहन तकनीकी विश्लेशण व साक्ष्य संकलन कर मास्टरमाइण्ड 02 शातिर अभियुक्त नितिन गौर व निक्कू बाबू को NOIDA से गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से साइबर ठगी में प्रयुक्त 01 टैब मय सिम कार्ड, 04 अदद मोबाइल फोन मय सिम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, 06 अतिरिक्त सिम कार्ड, 12 ए0टी0एम0/डेबिट कार्ड, 01 मैट्रो कार्ड, 02 पैन ड्राइव, 02 मोहर एन0जी0 ट्रेडर्स, 06 चैक बुक, 05 एम0पी0ओ0एस0 मशीन, 05 क्यू0आर0 कोड साउंड बाक्स, 14 क्यू0आर0 स्कैनर बरामद हुये।
अभियुक्तों ने फेसबुक पर “CryptoPromarkets” नाम से लिंक/विज्ञापन प्रसारित किया व उसमें निवेश से अत्यधिक लाभ मिलने का लालच दिया गया। वादी को उक्त लिंक के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराया गया, जिससे उसे यह विश्वास दिलाया गया कि यह एक वैध और अधिकृत इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म है। अज्ञात व्यक्तियों ने स्वयं को प्रिया, रमेश कुमार, शरद वोहरा, विक्की मल्होत्रा नामक व्यक्तियों के रूप में प्रस्तुत किया तथा विभिन्न मोबाइल नंबरों और ई-मेल आईडी से वादी से सम्पर्क किया तथा स्वयं को निवेश कम्पनी के अधिकृत अधिकारी/कर्मचारी बताकर वादी का विश्वास जीता। अभियुक्तों ने वादी को निवेश पर मोटा लाभ (High Returns) मिलने का लालच देकर लगातार पैसे निवेश करने के लिए प्रलोभित किया निवेश की राशि हड़पने के बाद आरोपियों ने लाभांश (Profit/Return) देने से इंकार किया और सम्पर्क से बचने लगे, जिससे वादी को शक होने पर उक्त साइबर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
साइबर अपराधों में VPN, Proxy Server, Tor Browser तथा Public Wi-Fi का उपयोग कर अपनी पहचान व लोकेशन छिपाई जाती थी तथा अपने स्वयं के बैंक खातों और आधार कार्ड में भी अन्य व्यक्तियों की आईडी से प्राप्त SMS Alert नम्बरों का उपयोग कर रहे थे। गिरफ्तार अभियुक्तों का विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों के सम्पर्क में होना भी प्रकाश में आया है साथ ही देश भर के विभिन्न बैंकों में 18 से 20 करंट बैंक खातों का होना भी प्रकाश में आया है।
गिरफ्तार आरोपी
(1)- नितिन गौर पुत्र शीतल प्रसाद गौर निवासी-मकान नम्बर-26, गली नम्बर-8, सदरपुर, सैक्टर-45 नोएडा, उम्र-34 वर्ष।
(2)- निक्कू बाबू पुत्र कैलाश बाबू निवासी-मकान नम्बर-465, गली नम्बर-15, सदरपुर सैक्टर-45 नोएडा, उम्र-29 वर्ष।
पुलिस टीमः
1-निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल
2-अपर उप निरीक्षक मुकेश चन्द
3-हैड कांस्टेबल दिनेश पालीवाल,
4-कांस्टेबल नितिन रमोला,
5-कांस्टेबल अभिषेक भट्ट
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 ने जनता से अपील की है कि ऑनलाईन जॉब अथवा इन्वेस्टमेण्ट/ट्रेडिंग हेतु किसी भी फर्जी वेबसाईट, मोबाईल नम्बर, लिंक आदि का प्रयोग ना करें। गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु आवेदन करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा OTP, PIN, पासवर्ड, CVV, ATM या बैंक विवरण किसी के साथ साझा न करें।* किसी भी कॉल पर “KYC अपडेट”, “लॉटरी/इनाम”, “बैंक खाता ब्लॉक”, “सस्ता लोन” या “सरकारी योजना” का झांसा देकर पैसे मांगने वालों से सावधान रहें। सोशल मीडिया या ईमेल पर आने वाले संदिग्ध मैसेज व लिंक पर क्लिक न करें, कोई अनजान लिंक या एप्लिकेशन डाउनलोड न करें। ऑनलाइन खरीदारी केवल भरोसेमंद वेबसाइट या एप से ही करें। तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ पाने के लालच में आकर इन्वेस्ट ना करें व किसी भी प्रकार का कोई शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर सैल या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । साइबर अपराध की किसी भी घटना पर तुरंत 1930 टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें अथवा www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।