कमीशनखोरी के आरोपों के बाद पुरोला नगर पंचायत में सीएम की घोषणायें निरस्त

सभासदों की शिकायत के बाद शासन ने लिया निर्णय

एसडीएम पुरोला को 5 दिन मे जांच रिपोर्ट देने के निर्देश

देहरादून। नगर पंचायत पुरोला मे मुख्यमंत्री की घोषणाओं के नाम पर कथित वसूली की शिकायतों के बाद सरकार ने घोषणाओं को शून्य कर दिया है। योजना के नाम पर होने वाली अवैध वसूली के आरोप लगते देख स्वीकृत 9 कार्यो पर जिलाधिकारी से जांच रिपोर्ट मागी गयी है और शेष 16 कार्यो जिन पर अभी तक कोई स्वीकृति जारी नहीं हुई उन्हें विलोपन करने का निर्णय लिया है।

कुछ समय पहले  नगर पंचायत पुरोला के कुछ सभासदों ने  नगर पंचायत  अध्यक्ष पर विकास योजनाओं की बंदरबांट व योजनाओं के नाम पर अवैध कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। मामले मे एक ऑडियो क्लिप भी सीएम धामी तक पंहुचने की बात कही जा रही है। सभासद सुषमा चौहान, धनवीरी और विनोद नौडियाल सहित अन्य सदस्यो ने सीएम को लिखे पत्र मे कहा कि सीएम की घोषणाओ से होने वाले कार्यो मे कोई बहुमंजिला पार्किंग, पुस्तकालय अथवा ऑडिटोरियम जैसे कोई जन हित मे स्थाई निर्माण नही, बल्कि बजट को ठिकाने लगाने की नीयत से योजनाये घोषित कराई गयी है। इसके अलावा वाहनों के डीजल पेट्रोल के भुगतान मे अनियमितता, पुरानी योजनाओ को फर्जी मापन और वाउचर के जरिए नया दिखाकर सरकारी धन का गबन, नगर पालिका अध्यक्ष का होटल पीडब्ल्यूडी और सरकारी भूमि पर होने, वाहन निविदा मे गड़बड़ी और विलो के फर्जी भुगतान के गंभीर आरोप है। सभासदों का आरोप है कि सीएम की घोषणा के लिए शासन के खर्च के नाम पर खुले आम 10 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है।
इसके अलावा नगर पंचायत में अतिक्रमण हटाने के नाम पर अवैध वसूली के आरोप भी नगर पंचायत अध्यक्ष व कर्मचारियों पर लगते रहे हैं जिसमें मनमर्जी से गरीबों के मकान अतिक्रमण में दिखाना व चहेतों को छूट देने का मामला भी प्रकाश में आया है जिससे संबंधित एक ऑडियो क्लिप भी धामी सरकार तक पहुँची है।

 

शासन के निर्देश के बाद जिलाधिकारी उत्तरकाशी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी पुरोला की अध्यक्षता मे 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। समिति को 5 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

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