जिला निर्वाचन ने स्थिति की साफ
देहरादून। निकाय चुनाव के दिन पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम मतदाता सूची से गायब होने का मामला सुर्खियों मे रहा। हालांकि उनका नाम डिफेंस कालोनी था और इसे लेकर जिला निर्वाचन ने सा को स्थिति स्पष्ट कर दी। वही मामले मे भाजपा ने इसे कांग्रेस का प्रोपगेंडा बताते हुए इसे सहानुभूति लेने की कोशिश बताया।
आज सुबह पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिये जानकारी दी कि उनका नाम लिस्ट मे नही है और उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से इसे लेकर जानकारी मांगी। निर्वाचन आयोग ने सर्वर डाउन होने की बात कही। पूर्व सीएम ने बताया कि वे वोट देने वार्ड नंबर 76 पहुंचे थे. जिसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची से पर्ची लाने के लिए कहा। कार्यकर्ताओं ने मतदान केंद्र पर सूची में हरीश रावत का नाम खोजा तो पता चला कि उनका नाम सूची में नहीं है। हरीश रावत ने बीजेपी की घेरेबंदी करते हुए कहा आज सुबह से ही इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। विषेश तौर पर दलित, कमजोर वर्ग के लोगों के परिवार के परिवार के नाम काटे गये हैं। उन्होंने कहा भाजपा की ये चुनावी रणनीति है। उन्होंने कहा जो मतदाता उनके पक्ष में नहीं रहता वे उसका नाम कटवा देते हैं।
देर शाम देहरादून जिलाधिकारी ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट की है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी देते हुये बताया कि हरीश सिंह रावत का नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है. इसके लिए जिलाधिकारी ने लिस्ट भी जारी की है।
सहानुभूति लेने को कांग्रेस ने फैलाया भ्रम: चौहान
भाजपा ने निकाय मतदाता सूची में पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम होने की अधिकृत सूचना सामने आने को कांग्रेसी प्रोपेगेंडा की पोल खुलने वाला बताया है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि जिस तरह दिन भर इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भ्रम फैलाया और मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह समूचा घटनाक्रम दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी के नेता चुनावों में लगातार हार मिलने से बौखला गए हैं। यही वजह है कि अपनी ही गलती से पैदा होने वाली परिस्थितियों का भी वे राजनैतिक फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। यह उनकी गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की हद है कि न हरदा और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने अपने नामों के सूची में होने को लेकर जागरूकता दिखाई। अफसोस उनके मतदाता वार्ड के पार्षद प्रत्याशी को मालूम नहीं था। वावजूद इसके सिर्फ और सिर्फ राजनैतिक लाभ लेने के लिए उनके द्वारा प्रोपेगेंडा फैलाया गया। उससे कांग्रेस की राजनैतिक विश्वसनीयता एक बार फिर शून्य हो गई है। भाजपा कांग्रेस की इस गैरजिम्मेदाराना और लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के खिलाफ झूठ फैलाने वाली हरकत की कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है।

