दिल्ली। देश के प्रमुख उधोगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार देर रात करीब 11 बजे 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में आखिरी सांस ली। टाटा उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे।’
रात करीब 2 बजे उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से उनके घर ले जाया गया। टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक साउथ मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) के हॉल में रखा जाएगा। यहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। टाटा पद्म विभूषण और पद्म भूषण से भी सम्मानित थे। उनके धन की खबर मिलने के बाद अस्पताल में बड़ी संख्या में भीड़ जुट गयी।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, पीएम मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गाँधी साहित देश के नामी राजनेताओं,उद्योगपतियों सहित अनेक लोगों ने उनके निधन को एक बड़ी क्षति बताया। टाटा चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ रतन टाटा को विदाई दे रहे हैं। समूह के लिए टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक ज्यादा थे। मेरे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉर्पोरेट ग्रोथ, राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया है।
PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक टाटा ग्रुप को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्ड रूम से कहीं आगे तक गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। उद्योग परी
मुकेश अंबानी ने कहा कि ये भारत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का जाना ना सिर्फ टाटा ग्रुप, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान है। व्यक्तिगत तौर पर रतन टाटा का जाना मुझे बहुत दुख से भर गया है, क्योंकि मैंने अपना दोस्त खो दिया है। उद्योगपति गौतम अडाणी ने कहा कि भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रीडिफाइन किया। टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने करुणा के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा कि मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। रतन टाटा को भुलाया नहीं जा सकेगा, क्योंकि महापुरुष कभी नहीं मरते। उद्योग पति सुंदर पिचाई ने कहा कि रतन टाटा से पिछली मुलाकात के दौरान उनका विजन सुनना मेरे लिए प्रेरणादायक था। वे एक्स्ट्राऑर्डिनरी बिजनेस लीगेसी छोड़ गए हैं। उन्होंने भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप को मार्गदर्शन देने और डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।