अग्निपथ के खिलाफ सर्वदलीय पद यात्रा,भाजपा बोली विरोध की रस्म अदायगी – News Debate

अग्निपथ के खिलाफ सर्वदलीय पद यात्रा,भाजपा बोली विरोध की रस्म अदायगी

देहरादून। सेना में अग्निपथ योजना को युवाओ के साथ छलावा करार देते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत की अगुवाई मे सर्वदलीय वरिष्ठ नागरिकों ने सैन्य धाम से पदयात्रा निकाली। बाद में उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपा।
इस अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि
केन्द्र सरकार ने अग्निपथ योजना लागू करके पूरे देश के नौजवानों के साथ धोखा किया है जहॉ हमारे प्रदेश देश को सबसे को सबसे ज्यादा सेना में नौजवान देने वालों में से एक है। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने भारतीय सेना में नियुक्तियों के लिये अग्निपथ योजना का दुभार्ग्यपूर्ण निर्णय लिया है, जिसका कालांतर में देश की सैन्य शक्ति, रक्षा सेवाओं और देश की आंतरिक व्यवस्था पर दुष्प्रभाव की आशंका गैर राजनैतिक श्रोतों द्वारा व्यक्त की जा रही है। सेवानिवृत वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, अन्य वरिष्ठ प्रबुद्धजन व विशेषज्ञ भी शामिल हैं। हमारा दुःख अपने उन समस्त युवाओं के साथ है जो पिछले कुछ वर्षो से सेना में भर्ती होने का सपना देख तैयारी कर रहे थे। उन्होने राष्ट्रपति महोदय को सम्बोधित ज्ञापन में कहा कि भारतीय सेना में पिछले 2-3 वर्षों से नियुक्तियॉ नहीं हो पाई हैं। सेना में लगभग 2 लाख पद रिक्त चले आ रहे हैं। बताया जाता है कि लगभग 40 हजार पदों को भारतीय सेना में समाप्त किया जा रहा है। अगिनपथ योजना के अर्न्तगत जब युवा सेवानिवृत होकर वापस लौटेगा तो उसके भविष्य के सामने बड़ा शून्य खड़ा होगा, क्योंकि पेशन, ग्रेच्यूएटी सहित अन्य सुविधाओं के लाभ से वह वंचित रहेगा। शार्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से सेना में नियुक्त हुये अधिकारी अपने 10-14 वर्ष की सेवा के उपरान्त भी वर्तमान में कई लाभों से आज भी वंचित हैं। अग्निपथ योजना की घोषणा के साथ कई देशों से तुलना भी की जा रही है, जबकि उन देशों की जनसंख्या व परकैपिटा इन्कम में हम बहुत पिछड़े हैं। ऐसे देशों से तुलना न्यायोचित नहीं कही जा सकती है। बेराजगारी की दर वैसे ही आश्चर्यजनक रुप से चिन्ताजनक स्थिति में है। हम बेरोजगारी में हरियाणा के समकक्ष पहुॅच गये हैं। हरियाणा को खेती सहित राजधानी दिल्ली के निकट होना व उद्योगों का लाभ मिलता है। कोरोना व केन्द्र की आर्थिक नीतियों के कारण बेरोजगारी की दर लगातार भयावह रुप ले रही है। बताया जाता है कि 2020-2021 में स्थाई नियुक्तियों की संख्या लगभग 27 प्रतिशत के करीब घटी है। जबकि 2017 से 2021 के बीच में ठेके पर रखे जाने वाले युवाओं की संख्या दुगनी हो गई है, स्थाई नियुक्तियॉ लगभग आधे से भी कम हुई हैं। सरकार लगातार स्थाई नियुक्तियों को समाप्त कर ठेकेदारी व्यवस्था लागू कर रही है। बताया जाता है कि केन्द्र सरकार के अकेले सार्वजनिक उपक्रमों में ही लगभग 5 लाख 21 हजार नियुक्तियॉ कम की गई हैं। जहॉ 2013 में सार्वजनिक उपक्रमों में स्थाई कर्मचारियों की सख्ंया लगभग 14 लाख 2 हजार थी, वहीं 2020 में स्थाई कर्मचारियों की संख्या घट कर 9 लाख 21 हजार रह गई है। यह आंकड़ा मात्र केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों का है, यहां तक की रेलवे में भी लगभग सवा लाख पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं कुछ विभागों में परीक्षाएं नहीं करवाई गई, परीक्षाओं की रिजल्ट घोषित नहीं किये गये, परीक्षाएं रद्द कर दी गई, नियुक्ति पत्र जारी नहीं हुये या नियुक्तियां ही रद्द कर दी गई हैं। अग्निपथ के नाम पर लगभग 144 सेना भर्ती रदद् की गई हैं व 51 सेना भर्ती रैली में भाग लेने वाले युवाओं का निर्णय आज तक भी घोषित नहीं किया गया है। पिछले 2 वर्ष में 50 हजार युवाओं ने परीक्षा, फिजीकल, मैडिकल, रिर्टन टेस्ट आदि पास कर लिये,किंतु उनका सेना में भर्ती होने का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। उन्होने राष्ट्रपति महोदय से आग्रह करते हुए कहा कि हम उत्तराखण्ड के लोग सैन्य परम्परा से भावनात्मक रुप से जुड़े हैं। सेना, अर्द्ध सैनिक बल व पुलिस में भर्ती होना हर युवा का एक सपना होता है। केन्द्र सरकार, पेशंन, ग्रेच्यूएटी व अन्य खर्चो में कटौती के उद्वेश्य से उपरोक्त नियुक्तियॉ रदद् कर अग्निपथ जैसी योजना लाई है। हम सब अग्निपथ के विरुद्ध वरिष्ठ नागरिक अभियान के तहत आपसे आग्रह करते हैं कि भारतीय सेना, देश की सुरक्षा व युवाओं के हित को देखते हुये अग्निपथ योजना को रदद् करने के लिये केन्द्र सरकार को निर्देशित करने की कृपा करें। वही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पहुँच कर दिया समर्थन और कहा कि अग्निपथ के विरुद्ध संघर्ष जारी रहेगा।
इस अवसर पर जनरल टीपीएस रावत, पूर्व आईएस एस एस पांगती, ड़ा0 एस एन सचान, कामरेड़ समर भण्ड़ारी, कामरेड़ सुरेन्द्र सजवाण, काशी सिंह ऐरी, एएस मिनाहस, मेजर हरी सिंह चौधरी, कर्नल घ्यानी, कर्नल ए एस शर्मा, कर्नल निशकान्त ध्यानी, कर्नल एस पी शर्मा, कर्नल मोहन सिंह रावत, कर्नल बडत्वाल तथा सुरेंद्र कुमार सहित दर्जनों भूतपूर्व सैनिक अधिकारी व पूर्व सैनिक पद यात्रा में शामिल हुए।

अग्निपथ के खिलाफ पदयात्रा विरोध की रस्म अदायगी :चौहान

देहरादून। भाजपा ने अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत की अगुवाई मे कथित वरिष्ठ नागरिकों के विरोध और पदयात्रा को विरोध की रस्म करार दिया है।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस और अन्य दल राष्ट्र हित की किसी भी योजना का परम्परागत रूप से विरोध करते रहे हैं और इसमें कुछ नया नहीं है।
 कॉंग्रेस और उनके सहयोगी योजना की सत्य से मुंह फेर रहे हैं और युवाओं को बरगलाने का कार्य कर रहे हैं। विपक्ष योजना को लेकर हो हल्ला मचा रहा है जबकि इन झूठे आरोपों का जबाब स्वयं उन 2 लाख 1 हज़ार 48 से अधिक युवाओं ने दे दिया है जिन्होने मात्र एक सप्ताह में ही वायुसेना के अग्निवीर भर्ती के लिए आवेदन किया है ।
  लंबे समय से सभी मुद्दों पर झूठ फैलाकर जनता को भरमाने की राजनीति करती आ रही कांग्रेस की अगुवाई मे वरिष्ठ नागरिकों का प्रदर्शन इसी रणनीति का हिस्सा है । उन्होने कहा कि कॉंग्रेस और विपक्ष हाल में जारी वायुसेना अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के उत्साह बढ़ाने वाले आंकड़ों को जानबूझ कर देखना नहीं चाहती अन्यथा उन्हे इस योजना के विरोध का जबाब मिल जाता । उन्होने कहा कि मात्र तीन दिन में 3000 वायुसैनिक अग्निवीर बनने के लिए रिकॉर्ड 2 लाख 1 हज़ार 1 सौ 48 युवाओं ने आवेदन किया है, जबकि अभी 5 जुलाई तक आवेदन करने की तारीख है लिहाजा अभी यह आंकड़ा कई लाखों में पहुँचने वाला है ।
  योजना को सेना व सैनिकों को कमजोर करने वाला बताने वाली कॉंग्रेस ने तीन दशक तक सैन्य आधुनिकीकरण को रोक कर देश की ताकत को कमजोर करने का काम किया और आधुनिक हथियार व बुलेटप्रूफ जैकेट की ख़रीदारी को गैरजरूरी बताते हुए सैनिकों की जान को खतरे में डाले रखा। इसके अलावा राफेल जैसे उच्च तकनीक के फाइटर जेट को दस वर्ष तक उलझाया। चौहान ने कहा कि सुरक्षा के लिए सजग रहने का दावा करने वाली कांग्रेस की हकीकत यह है कि उनके कार्यकाल मे रक्षा मंत्री संसद में देश की सीमाओं की सामरिक ताकत बढ़ाने वाले कार्यों को नहीं करवाने का तर्क देते रहे। ऐसे में उनसे
देश की सैन्य ताकत और सैनिकों की क्षमता बढ़ाने वाली अग्निवीर योजना को समझने की उम्मीद करना बेमानी है । आज युवा इस योजना को बखूबी समझ चुका है जिसका परिणाम वायु सेना भर्ती के लिए आए आवेदनों में नज़र आ रहा है और आने वाली थल सेना व अन्य अग्निबीर भर्तियों में यह उत्साह कई गुना बढेगा।
 

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