देहरादून। रानीखेत से भाजपा विधायक के भाई से जिंदा कारतूश मिलने पर कांग्रेस आक्रामक हो गयी है। पार्टी ने इसे सुरक्षा व्यवस्था से जोड़ा है, वहीं सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है।
शनिवार को विधायक के भाई समेत दो लोगों को भारत-नेपाल इंटरनेशनल बॉर्डर से एसएसबी द्वारा 40 जिंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद एसएसबी ने आरोपियों को चंपावत की बनबसा पुलिस के हवाले कर दिया। मामले मे कांग्रेस ने भाजपा की घेरेबंदी शुरू कर दी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर कड़ा हमला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस विधायक के भाई को बचाने में जुट गई है. क्योंकि यह बताया जा रहा है कि प्रशासन उनसे लाइसेंस दिखाने को कह रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि कोई कारतूस लेकर दूसरे देश में कैसे जा सकता है? क्या देश की सीमाएं लांघी जा सकती हैं? लेकिन प्रशासन लाइसेंस दिखाने का समय दे रहा है। भाजपा देश और राज्य को किस दिशा में ले जा रही है? आज इसे समझने की जरूरत है।
आरोप सनसनी फैलाने की कोशिश, निष्पक्षता से ही रही है कार्यवाही : जोशी
भाजपा ने रानीखेत विधायक के भाई को लेकर हरदा के आरोपों को राजनैतिक लाभ के लिए सनसनी फैलाने कोशिश बताया है। प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने पलटवार किया कि इस पूरे घटनाक्रम में हुई अब तक हुई कानूनी कार्यवाही, पूरी तरह निष्पक्षता की पुष्टि करती है।
पूर्व सीएम हरदा के आरोपों को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि धामी सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था चाक चौबंद है और बिना किसी भेदभाव के आवश्यक कार्यवाहियां हो रही हैं । भारत नेपाल सीमा की जिस घटना की बात वे कर रहे हैं वह भी इसी सच्चाई को तस्दीक करती है । वहां यदि कुछ भी गलत पाया गया तो मौके पर उचित कानूनी कार्यवाही हुई है और किसी को कोई भी विशेष तरजीह नहीं दी गई है।
उन्होंने पूर्व सीएम के माओवाद वाले बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा, बिना तथ्यों के सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए बड़े नेताओं का ऐसे आरोप लगाना उचित नहीं है । हमारी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर पूरी पारदर्शिता और कड़ाई से काम कर रही है । जब भी कोई घटनाक्रम सामने आता है, उसपर तत्काल कार्यवाही की जाती है।