निर्दलीय विधायक ने सरकार गिराने सरीखे बयान देकर उड़ाया उत्तराखंड का मखौल: त्रिवेंद्र – News Debate

निर्दलीय विधायक ने सरकार गिराने सरीखे बयान देकर उड़ाया उत्तराखंड का मखौल: त्रिवेंद्र

त्रिवेंद्र बोले, निशंक को संसदीय लोकतंत्र की समझ और विराट अनुभव, विधायकों की चुप्पी आश्चर्यजनक

विधानसभा अध्यक्ष को निर्दलीय विधायक के बयान की जांच करनी चाहिए

मसूरी। पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के सरकार गिराने के षड्यंत्र पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विधानसभा के भीतर निर्दलीय विधायक ने सरकार गिराने सरीखे बयान देकर उत्तराखंड का मखौल उड़ाया है। यह गंभीर मामला है। उन्होंने सवाल किया कि इस मामले में सभी विधायकों ने चुप्पी क्यों साध ली। इसे लेकर जनता सवाल पूछ रही है। विधानसभा अध्यक्ष को भी इस बयान की जांच करनी चाहिए।

रावत ने मसूरी में स्थित एक डेंटल क्लीनिक के उद्घाटन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम निशंक द्वारा सदन में विधायक उमेश कुमार पर दिए गए बयान का पूरी तरह से समर्थन ही नही किया बल्कि कहा कि निशंक पिछले 35 वर्षों से संसदीय लोकतंत्र की समझ रखते और उनका विराट अनुभव है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि किसी भी विधायक ने न सदन के अंदर न बाहर इसका कोई खंडन किया। यह संसदीय लोकतंत्र के लिए घातक है।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने यह भी कहा कि जिस विधायक ने यह सवाल उठाया वह न तो विश्वसनीय है, न ही अनुभवी है न ही उन्हें उत्तराखंड के सरोकारों से कोई लेना देना है। लेकिन विधानसभा में सवाल उठाया गया है जो सदन की कार्रवाई का हिस्सा बना है ऐसे में उनसे प्रमाण लिए जाने चाहिए,। उन्होंने उत्तराखंड के विश्वास को खंडित करने का कार्य किया।

पूर्व मुंख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने इंटेलिजेेस पर सवाल खड़े किए। कहा कि खुफियातंत्र क्या कर रहा है। उन्होंने सरकार के संज्ञान में यह मामला लाया है या नहीं, इसका पटाक्षेप होना चाहिए। अच्छा होता कि विधानसभा अध्यक्ष इस बारे में विधायक से साक्ष्य मांगती। इससे प्रदेश के 70 विधायकों की साख पर सवाल उठाया है। इस पर सरकार को भी जवाब देना चाहिए।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने ओबीसी आरक्षण मामले पर विधायक मुन्ना सिंह द्वारा लिए गए स्टेंड की सराहना की और उन्हें विधायी मामलों को इनसाईक्लोपीडिया भी करार दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार बढे हैं। इसके लिए सख्त कानून बनना चाहिए। हालांकि अपराध करने वाले पकड़े जा रहे हैं, पर अपराधियों में खौफ होना चाहिए उन्हें दबंगयी से कुचला जाना चाहिए। जैसा बगल के प्रदेश यूपी में अपराधियों के साथ व्यवहार किया जा रहा है। पुलिस को पुलिस का काम करना चाहिए, अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखना चाहिए।
इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार के बजट की सराहना की व कहा कि युवा, महिलाओं, गरीब हो सभी के लिए योजनाएं बनी है। जिनके पास घर नहीं है उनके पक्के घर का सपना साकार होगा। 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान योजना में विशेष प्रावधान किया गया। वहीं सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना शुरू की व उनकी मांग पूरी की। पर्वतीय राज्यों सहित उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार ने बजट में विशेष प्राविघान किया है जो महत्वपूर्ण है।

भू कानून पर उन्होंने कहा कि इसका माॅडल बनाया जाना चाहिए कि कैसा भू कानून होना चाहिए। विधायक मुन्ना सिह चौहान ने जो सवाल उठाया वह निश्चित ही गंभीर विषय है, वह प्रदेश के ऐसे विधायक है, जिन्हें विषयों की गहरी जानकारी है। यह सवाल उत्तराखंड के युवाओं व आने वाली जनरेशन के लिए जरूरी है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष का विशेष धन्यवाद कि उन्होंने यह मामला प्रवर समिति को सौंपा। इस मौके पर भाजपा मसूरी मंडल के अध्यक्ष राकेश रावत, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, पूर्व मंडलाध्यक्ष मोहन पेटवाल, विजय रमोला, मदन मोहन शर्मा, राजेंद्र रावत, अरविंद सेमवाल, रजत अग्रवाल,, पुष्पा पडियार, नरेंद्र पडियार, सतीश ढौडियाल, मीरा सकलानी, अमित पंवार, धर्मपाल पंवार, राजेंद्र रावत आदि मौजूद थे।

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