देहरादून में हो रहे हैं देश विदेश के कई माफिया सक्रिय, बिल्डर्स व खनन माफियाओं का राजधानी में बोलबाला
देहरादून: शुक्रवार को राजधानी में देहरादून के जाने माने प्रतिष्ठित बिल्डर सरदार सत्येंद्र सिंह साहनी की आत्महत्या और सुसाइड नोट मे लगाए गए आरोप तथा परिजनों की शिकायत के आधार पर गुप्ता बंधुओं की गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें सरंक्षण को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि साहनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले अजय गुप्ता व अनिल गुप्ता को किन लोगों का संरक्षण प्राप्त है इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए क्यूंकि ये दोनों लोग दक्षिण अफ्रीका में वांछित थे व इनकी गतिविधियां हमेशा संदिग्ध रही हैं और ये अन्य बड़े अपराधों में शामिल हो सकते हैं।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए धस्माना ने कहा कि गुप्ता बंधुओं की पहुंच बड़ी राजनैतिक हस्तियों से है और एक जमाने में उत्तराखंड राज्य सरकार में उनको मंत्री का दर्जा व जेड सुरक्षा भी मुहैय्या करवाई गई थी। धस्माना ने कहा कि देहरादून में गुप्ता बंधुओं के घर इनकम टैक्स के छापे व दक्षिण अफ्रीका में उनके खिलाफ कार्यवाही के बावजूद वे भारत व उत्तराखंड तथा उत्तरप्रदेश में लगातार सक्रिय रह कर जिस प्रकार की गतिविधियां कर रहे हैं यह बिना राजनैतिक व प्रशासनिक संरक्षण के संभव नहीं है।
श्री धस्माना ने कहा की सत्येंद्र साहनी आत्महत्या पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि इस वक्त देहरादून व उत्तराखंड में देश व दुनिया के अनेक अपराध जगत के लोग सफेदपोश बन कर बिल्डर व खनन का काम कर रहे हैं । हाल ही में देहरादून में खनन का बड़ा काम बाहर के लोगों की कंपनी को पीछे के दरवाजे से दे दिया गया और इसी प्रकार जमीनों व बिल्डर का काम भी स्थानीय लोगों के साथ मिल कर अनेक कुख्यात लोग कर रहे हैं इसका एक उदाहरण सत्येंद्र साहनी प्रकरण में सामने आया है। धस्माना ने कहा कि राज्य की सरकार को व पुलिस तथा खुफिया तंत्र को सतर्क रह कर ऐसे लोगों के खिलाफ अपराध घटित होने से पहले करवाही करनी चाहिए अन्यथा किसी भी वक्त कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।