राजधानी के रिहायसी क्षेत्र मे अग्निकांड, 22 घर हुए स्वाह

आपदा प्रबंधन पर कांग्रेस ने की सरकार की घेरेबंदी, कहा देर से हुई आग बुझाने की कसरत

देहरादून। सोमवार की सुबह राजधानी के बीचों बीच काँवली रोड से लगे छबील बाग मे हुए भीषण अग्नि कांड मे 22 घर जलकर खाक हो गये। इस दौरान पांच गैस सिलेंडरों में भी ब्लास्ट हुए, जिससे आग और बिकराल हो गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।

जानकारी के मुताबिक देहरादून के खुड़बुड़ा मोहल्ले में कई मजदूर झोपड़ियां बनाकर अपने परिवार के साथ रहते हैं। बताया जाता है कि कुछ मजदूर झोपड़ियां के पास ही तांबा जला रहे थे। उसी से आग एक झोपड़ी में लग गई. इससे पहले मौके पर मौजदू लोग अन्य झोपड़ियों तक भी फैल गई.। इसी तरह से आग ने करीब 22 झोपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें देखकर इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। स्थानीय लोगों ने झोपड़ियों में मौजूद बच्चे और महिलाओं को बाहर निकाला। जिस कारण कोई जनहानि नहीं हुई। वहीं मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

 झोपड़ियों में आग लगने की सूचना पाकर तत्काल फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर पहुंची और करीब 3 घंटे बाद आग पर काबू पाया गया। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि कोई व्यक्ति तांबा जला रहा था, जिस कारण ये आग लगी है. हालांकि अभी मामले की जांच की जा रही है। झोपड़ियों से अग्निशमन की टीम द्वारा दो बच्चों का रेस्क्यू किया गया। यहां पर 22 से 23 परिवार रहते हैं जो कूड़ा बीनने का काम करते हैं।
राजधानी में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था की पोल खुली-धस्माना
कांग्रेस ने आगजनी के बाद आपदा प्रबंधन के मुद्दे पर सरकार की घेरेबंदी की है।
वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपदा प्रबंधन के बड़े बड़े दावों के बावजूद उत्तराखंड राज्य में व राज्य की राजधानी देहरादून में आपदा प्रबंधन की हालात दयनीय बनी हुई है। प्रदेश भर में पिछले सालों के मुकाबले व्नाग्नि के मामले पांच गुणा होना और राजधानी देहरादून में आज राजपुर विधानसभा क्षेत्र में कांवली रोड पर छबील बाग में लगी आग को काबू करने के लिए फायर ब्रिगेड का डेढ़ घंटे देर से पहुंचना राज्य की आपदा प्रबंधन मशीनरी के हाल बयां कर रहा है
धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता मे बताया कि आज की अग्निकांड की सूचना मिलते ही उन्होंने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व सी एम ओ देहरा दून को फोन से सूचित किया व स्वयं मौके पर लोगों की सह्यता करने पहुंचे जहां लगभग तीस कच्चे मकान जल कर राख हो गए। लोग इस बात से काफी आक्रोशित थे कि अग्निकांड के स्थल पर फायर ब्रिगेड लगभग एक घंटे देर से पहुंची जब तक सारे मकान जल कर राख हो चुके थे और मकान समेत लोगों का सारा सामन भी जल कर राख हो चुका था।
उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान अपने उत्तराखंड दौरे वाले दिन एक अखबार को दिए साक्षात्कार में दवा किया था कि पिछले दस सालों के उनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखंड में आपदाओं से निपटने का एक बड़ा प्रभावी तंत्र विकसित किया गया है। श्री धस्माना ने कहा कि वो कितना प्रभावी तंत्र है यह उत्तराखंड में इस वर्ष अप्रैल के महीने में ही पता चल गया जब गर्मियां शुरू होते ही पूरे राज्य के जंगल धू धू कर के दहक रहे हैं और वनागनि की घटनाएं पिछले वर्ष के सापेक्ष पांच गुणा अभी तक घट गई हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल अल्मोड़ा चम्पावत पिथौरागड़ व पौड़ी में आग बेकाबू हो रखी है। श्री धस्माना ने कहा कि व्नाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए तैयारी सितंबर महीने से शुरू करनी होती है किंतु उत्तराखंड की सरकारी मशीनरी व आपदा प्रबंधन विभाग यह तयारी आग लगने पर शुरू करता है जिसका नतीजा आज पूरे राज्य को भुगतना पड़ रहा है। श्री धस्माना ने कहा कि राजधानी देहरा दून में आज की आग की घटना व उससे निपटने के लिए आपदा प्रबंधन मशीनरी का रिस्पॉन्स निराशाजनक है। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा की राज्य में ट्रिपल इंजिन की सरकार होने के बावजूद घटना के तीन घंटों बाद भी राजपुर या कैंट दोनों क्षेत्रों से यह इलाका जुड़ा हुआ है और दोनों ही विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक हैं, महानगर के निवर्तमान मेयर भी और टिहरी के सांसद भी भाजपा के हैं और मात चंद कदम की दूरी पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष जी का घर है लेकिन भाजपा का कोई भी जन प्रतिनिधि मौके पर लोगों की मदद की बात तो दूर पीड़ित परिवारों की सुध तक लेने नहीं पहुंचे।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देहरादून महानगर में भयंकर पीने के पानी का संकट खड़ा हो रक्खा है। देहरा दून के सभी सौ वार्डों में लगभग एक सौ बीस कालोनियों में पेयजल संकट शुरू हो गया है और अभी गर्मियां शुरू भी नहीं हुई हैं । उन्होंने कहा कि जल संस्थान के पास पीने के पानी के संकट से निपटने का कोई रास्ता नहीं है क्योंकि उनके पास जल स्रोत ही उपलब्ध नहीं हैं। श्री धस्माना ने कहा कि यह सब सरकारी उदासीनता व जन प्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण हुआ है और अब कांग्रेस पार्टी इन जन सरोकारों के मुद्दों पर शांत बैठने वाली नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *