अवैध फैक्ट्रियां हों राज्य सरकार में निहित, इंडस्ट्रियल भूमि बताकर उद्योगपतियों को छलने का आरोप
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सारा इंडस्ट्रियल एस्टेट द्वारा स्थापित अवैध फैक्ट्रियों को राज्य सरकार में निहित करने की मांग करते हुए कहा कि औधोगिक संस्थान द्वारा सैकडों बीघा कृषि भूमि खुर्द-बुर्द कर दी गयी है।
नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि शासन- प्रशासन की नाक के नीचे बहुत बड़े पैमाने पर शंकरपुर- हुकूमतपुर जनपद देहरादून स्थित सारा इंडस्ट्रियल एस्टेट ने किसानों से कीमती कृषि भूमि (जिनमें रास्ता नहीं था) सस्ते दामों में खरीद कर अपनी चाहर दिवारी तोड़ रास्ता बनाकर अपनी भूमि से लगती सैकड़ों बीघा भूमि को औद्योगिक आस्थान के रूप में बिना शासन की अनुमति के विकसित कर दिया। शासन -प्रशासन को चेताने के बावजूद भी कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि बहुत बड़ा गड़बड़झाला अधिकारियों एवं बिचौलियों के बीच है।
इस अवैध रूप से कृषि भूमि पर निर्मित व निर्माणाधीन फैक्ट्रीज को राज्य सरकार में निहित करने की कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए। नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा जून 2004 में सारा इंडस्ट्रियल स्टेट को लगभग 300 बीघा भूमि पर औद्योगिक आस्थान/ फैक्ट्रियां विकसित करने की अनुमति दी गई थी, जिसको बाकायदा सरकार द्वारा नोटिफिकेशन के माध्यम से खसरा नंबर सहित विकसित करने की अनुमति दी थी, लेकिन औद्योगिक माफियाओं की जुगलबंदी के चलते 10- 20 लाख रूपए बीघा में खरीदी गई जमीन एक- डेढ़ करोड़ रुपए प्रति बीघा बेचकर उद्योगपतियों को छला जा रहा है। मोर्चा शासन में गहरी नींद में सोए हुए अधिकारियों से उक्त मामले में कार्रवाई की मांग करता रहा है।
पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह व विजय राम शर्मा मौजूद थे।