देहरादून। डोईवाला में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विरोध और तेज हो गया है। कांग्रेस ने आज कहा कि इस योजना से किसान और खेती को खत्म करने की साजिश है। इस मामले में स्थानीय जनता पहले विरोध प्रदर्शन कर चुकी है। दूसरी और भाजपा ने इसे कांग्रेस की विकास विरोधी सोच करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पर्यावरणी भू-गर्भीय, आर्थिक व शहरीकरण के दृष्टिकोण से यह सोच ही गलत है। इस योजना से किसान खत्म होगा, डोईवाला चीनी मील व किसान बुरी तरह से प्रभावित होगा। रावत ने कहा कि इस योजना से देहरादून का फेफड़ा पुरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होने कहा कि रायपुर से श्यामपुर तक समस्त वन क्षेत्र नष्ट हो जाएगा और सारा भार फेफड़ों पर आ जाएगा। रावत ने कहा कि एक तरफ हरिद्वार व रुड़की दूसरी तरफ देहरादून, डोईवाला, रायवाला, श्यामपुर, ऋषिकेश इत्यादि में इस तरह की परिकल्पना भी भयावह है। रावत ने कहा कि प्रत्येक दृष्टिकोण से यह एक अनमैनेजेबल कॉन्सेप्ट है। पर्वतीय राज्य का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा। रावत ने कहा कि ग्लोबल मैकेन्जी कम्पनी की आड़ में उत्तराखण्ड की धरोहर के साथ खिलवाड किया जा रहा है। बद्रीनाथ में रि-डवलपमेंन्ट के नाम पर, नमामि गंगे के नाम पर खुली लूट की जा रही है। रावत ने यह भी कहा कि इस योजना से जहाॅ एक ओर पर्यावरण का नुकसान है कास्तकारों का नुकसान है वहीं रोजगार का भी बडा संकट आन खडा होगा।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जानकारी प्राप्त हुई है कि प्रदेश सरकार द्वारा डोईवाला के निकट माजरी ग्राम, मारखंमग्रान्ट, अन्य ग्रामीण क्षेत्र व डोईवाला नगर पालिका के भी कुछ क्षेत्र में नए शहर बसाने की योजना बनाई गई है । इस खबर से क्षेत्रीय जनता में डर का मौहोल बना हुआ है। डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर लोग खेती से जुड़े हैं,जहाँ बड़ी मात्रा में गन्ना व अन्य फसल का उत्पादन होता है । सरकार द्वारा प्रस्तुत एक नक्शे में यह दर्शाया गया है कि नई टाउनशिप के लिए करीब 3080 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है,जिसमे 747 हेक्टेयर सरकारी भूमि व करीब 2334 हेक्टेयर कृषि भूमि है जिसे सरकार द्वारा अधिगृत करने की तैयारी चल रही है। राज्य में केवल 28 प्रतिशत भूमि कास्तकारों के पास हैं बाकि भूमि वन विभाग की है ऐसे में राज्य सरकार द्वारा कृषि भूमि को इस तरह समाप्त करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।माहरा ने बताया कि 1100 करोड़ की धनराशि भी इस योजना के लिए स्वीकृत की गयी है। तथा किच्छा में भी इसी तरह कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं। माहरा के अनुसार डाॅ0 राव को केन्द्र सरकार द्वारा इस काम के लिए नियुक्त भी किया जा चुका है।
माहरा ने कहा कि इसे हास्यापद ही कहेंगे कि भाजपा के एक स्थानीय सांसद ने पूरी तरह से इस योजना को नकार दिया है, तो ऐसे में स्थानीय जनता में भ्रम क्यों पैदा किया जा रहा है।
पूर्व काबिना मंत्री नवप्रभात ने कहा कि हमारी कांग्रेस की सरकार में शहरों के विकास के लिए यू हुडा संस्था (उत्तराखण्ड हाउजिंग डवलपमेंट ऐजेन्सी) की स्थापना कर 500करोड़ रूपये नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों को निर्गत किए गये। भाजपा सरकार चाहती है कि बाहर के पूजींपतियों, भूमाफियाओं के हाथों में उत्तराखण्ड को सौंप दिया जाए।
जिलाध्यक्ष परवादून मोहित उनियाल ने कहा कि सरकार की इस योजना से पता चलता है कि इस टाउनशिप पर बड़ा कार्य पूरा हो चुका है व इस योजना को लाने में अंतिम चरण का काम चल रहा है । अगर सरकार द्वारा क्षेत्र में कोई बड़ी योजना बनाई जाती है जिससे जनता के निजी जीवन व पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है तो सरकार को जनता के बीच जाकर जनसुनवाई करने का प्रावधान है जिसे पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। जनता की सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण करना व इस टाउनशिप को लाना क्षेत्रीय जनता के साथ गलत होगा । ग्रामीणों के बीच मे जाकर इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष परवादून मोहित उनियाल, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, रुद्रप्रयाग जिला अध्यक्ष कुंवर सजवाण, चमोली जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी, अमरजीत सिंह, शीशपाल बिष्ट, महेन्द्र नेगी गुरूजी, शांति रावत, नीरज त्यागी मौजूद रहे।
टॉउनशिप के विरोध से कांग्रेस का विकास विरोधी चेहरा उजागर: खजान दास
भाजपा ने नई टाउनशिप योजना के विरोध को कांग्रेस की विकास विरोधी राजनीति करार दिया है । सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योजना को किसानों की सहमति के बिना आगे नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन हर नई योजना को बाधित करना राज्य निर्माण विरोधी कांग्रेस की आदत में शुमार हो गया है ।
प्रदेश प्रवक्ता खजाना दास द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रदेश में नए टाउनशिप स्थापित करने की प्रस्तावित योजना राज्य के विकास में बड़ा कदम साबित हो सकती है । उन्होंने कहा कि लंबे समय से शहरों से जनसंख्या दबाव कम करने और आर्थिक, व्यावसायिक व व्यवसायिक दृष्टि से नए अत्याधुनिक सेंटर स्थापित करने की जरूरत को महसूस किया जा रहा है । यह प्रस्तावित टाउनशिप योजना सड़क, पानी, शिविर, मॉल, पार्क, स्टेडियम समेत सभी अत्याधुनिक सुविधायुक्त होंगी जो भविष्य के शहरों को बसाने का रोडमैप भी बन सकती है । लेकिन सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि इसे स्थानीय किसानों की सहमति और गंभीर मंथन के बाद ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा । ऐसी योजनाएं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खोलने वाली और आसपास के लोगों की जरूरतों को पूरा करने में कारगर होगी ।
श्री खजाना दास ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने राज्य के निर्माण का विरोध और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का पुरजोर समर्थन किया, आज भी वही प्रदेश में विकास को लेकर नकारात्मक रुख अपनाए हुए हैं । प्रॉपर्टी ब्रोकिंग को व्यवसाय की शक्ल देकर राजधानी की हरियाली उजड़ने के दोषियों को आज चंडीगढ़ जैसे सिटी तैयार होने में तकलीफ हो रही है । जिन्होंने पूर्व पीएम स्वर्गीय बाजपेई द्वारा दिए विशेष राज्य के औधोगिक पैकेज की आड़ में जमीनों की बंदरबांट का काम किया, उन्हे सरकार की देखरेख में भूमि का आवासीय दृष्टि से नियोजन होने पर विश्वास नहीं हो रहा है । जिन्होंने केंद्र की सत्ता में रहते इसी विशेष पैकेज को समाप्त कर प्रदेश के विकास को बाधित करने का काम किया वही अब नगरों के दबाव और पहाड़ से रोजगार की उम्मीद में आने वाले लोगों के लिए इस आवासीय व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं । यही लोग हैं जिन्हें चार धाम आल वेदर रोड परियोजना में भी दिक्कत थी और उन्ह ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलमार्ग भी असंभव लगता था। उन्हें शहरों को स्मार्ट बनाने में भी आपत्ति है और नए स्मार्ट शहर बनाने में भी आपत्ति है। इनको शहरों में बढ़ती भीड़भाड़ भी नही चाहिए और नई आवासीय व्यवस्था सृजित करने वाली योजनाएं भी नही चाहिए ।