देहरादून/ हरिद्वार। हरिद्वार के सिडकुल थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले 6 साल के बच्चे के अपहरण के मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने महिला सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने मिलकर बच्चे को अगवा कर महिला से एक लाख रुपये में सौदा किया था। पुलिस ने बच्चे को बरामद कर परिजनों को सौंप दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने पत्रकारों से वार्ता मे बताया कि 9 सितंबर की शाम शिवम विहार काॅलोनी रोशनाबाद से फैक्टरी कर्मचारी सुभाष का छह साल का बेटा त्रिलोक गायब हो गया था। परिजनों ने इसकी सूचना थाने में दी और पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर अलग-अलग टीमें गठित कर जाँच शुरू कर दी। सीसीटीवी कैमरे चेक करने के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति के पीछे बच्चा पैदल जाते हुए नजर आया। स्थानीय लोगों से पूछताछ करते हुए संदिग्ध की पहचान रविंद्र निवासी जिला बागपत हाल पता शिवम विहार काॅलोनी के रूप में हुई। पुलिस ने रविंद्र और उसके साथी जनक सिंह निवासी मुजफ्फरनगर हाल पता शिवम विहार कालोनी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों ने बच्चे के अपहरण की बात कबूल ली।
पूछताछ मे पता लगा कि आरोपी रविंद्र से उसकी पूर्व मकान मालकिन शगुन निवासी मेरठ हाल पता वोल ग्रीन सिटी थाना सिडकुल ने एक छोटा बच्चा दिलाने की मांग की थी। इसके बदले में उसे एक लाख देने की बात कही थी। महिला हरिद्वार की एक नामी कंपनी मे कार्यरत बतायी जा रही है। रविंद्र ने अपने साथी जनक सिंह को यह बात बताई। जिस बिल्डिंग में रविंद्र रह रहा था, वहां एक परिवार भी रहता है। दोनों ने उसके चार बेटों में से एक को चोरी करने की योजना बनाई। योजना के तहत जनक ने पहले बच्चे को चॉकलेट, बिस्किट खिलाकर भरोसे में लिया। इसके बाद 9 सितंबर को चाऊमीन खिलाने का लालच देकर अपने पीछे आने के लिए कहा। मौका मिलते ही उसने बच्चे को रविंद्र के हवाले कर दिया। इसके बाद दोनों उसे ई-रिक्शा में बैठाकर ले गया और शगुन को सौंप दिया। उससे 30 हजार की रकम ली और चार-पांच दिन में शेष रकम लेने की बात तय हुई।
एसएसपी ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 20 हजार की रकम बरामद की गई है। रविंद्र और जनक दोनों पेशे से मजदूर हैं। दोनों किराये के मकान में रहते हैं। आर्थिक तंगहाली के चलते लालच में आ गये और बच्चे का अपहरण जैसी बारदात को अंजाम दे दिया।