एसीएस से मिले गुरिल्ला, कहा 17 साल से लंबित मांगों पर नही हुई कार्यवाही – News Debate

एसीएस से मिले गुरिल्ला, कहा 17 साल से लंबित मांगों पर नही हुई कार्यवाही

देहरादून। सीमा पर आपात स्थिति के लिए प्रशिक्षित एस एस बी गुरिल्लों ने सी एम आवास कूच में भारी संख्या में शामिल होकर अपने पुराने आंदोलनात्मक तेवर दिखाए। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में भी गुरिल्लों की मांगों के समाधान में 17साल लग गये।इस बीच  कितने अपर सचिव स्तर के अधिकारी मुख्य सचिव बनकर रिटायर्ड हो गये,17साल पहले भर्ती हुआ सेना का जवान रिटायर्ड होकर घर आ गया लेकिन गुरिल्लों के लिए जारी शासनादेश और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लिए गये निर्णय सचिवालय और अधिकारियों के चक्रव्यूह में ऐसे फसे कि अब वे बाहर निकल भी आये तो उनका कुछ लाभ गुरिल्लों को होगा इसकी आशा बहुत बहुत कम है। चीन के पुनः आक्रमण से आशंकित देश की सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी देने वाले गुरिल्लों ने जहां अपनी युवावस्था , सरकार द्वारा दिये जाने वाले प्रशिक्षणों में लगा दी वहीं प्रौढ़ावस्था , सरकार से लड़ने व सरकारी वादों के पूरे होने के इंतजार में अभी कितना संघर्ष इस संबेदनहीन शासन/प्रशासन से करना पड़ेगा वह भविष्य के गर्त में है।

कूंच से पूर्व ही शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से वार्ता का प्रस्ताव आया जिस पर विचार करते हुए गुरिल्लों के प्रतिनिधियों ने सचिवालय में अपर मुख्य सचिव से वार्ता की तथा वार्ता में तय हुआ कि 15से 20दिन के बीच मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सभी संबंधित सचिवों, अधिकारियों के साथ गुरिल्ला प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शासन में लंबित मामलों पर वार्ता कर ठोस कार्यवाही की जायेगी। गुरिल्लों ने प्रस्ताव को मानते हुए कूंच स्थगित करते हुए कहा कि गुरिल्लों का ग्रामीण क्षेत्रों में पदयात्रा कार्यक्रम जारी रहेगा। यदि शासन द्वारा पूर्व की भांति हीला हवाली ही की तो देहरादून से दिल्ली पदयात्रा कार्यक्रम किया जायेगा जिसमें अनेक राज्यों को हजारों गुरिल्ले एक साथ पैदल मार्च करैंगे।

वार्ता में केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मा नंद डालाकोटी, पीतांबर मेलकानी, गुलाब विष्ट, मानसिंह नेगी, महाबीर रावत, शिवराज बनौला, ललित बगौली आदि उपस्थित थे।

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