देहरादून। हल्द्वानी मे प्रेमी को सांप से डसवाकर मौत के घाट उतारने वाली विष कन्या को उसके दोस्त के साथ गिरफ्तार कर घटना का पटाक्षेप कर दिया है।
गौरतलब है कि 15 जुलाई को तीनपानी गौला बाईपास रोड पर कार के अन्दर संदिग्ध अवस्था में एक व्यक्ति अंकित चौहान पुत्र धर्मपाल चौहान निवासी मन बी -11 रामबाग कालोनी रामपुर रोड़ हल्द्वानी की लाश मिली थी। कार स्टार्ट स्थिति मे थी। मृतक के शरीर में कोई चोट आदि के निशान नही थे जिससे व्यवसायी की मृत्यु स्पष्ट नही हो पा रही थी । इस घटना के बाद 17 जुलाई को वादिनी ईशा चौहान की तहरीर के आधार पर कोतवाली हल्द्वानी मे मुकदमा दर्ज किया गया। अंकित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे उसके दोनों पैरों के पिछले हिस्से में दो जगह सर्पदंश के निशान मिले थे। पोस्टमार्टम में डॉक्टर द्वारा भी सर्पदंश की पुष्टि की गयी । इससे अंकित की मृत्यु का कारण संदेहास्पद प्रतीत होने पर पंकज भट्ट एसएसपी नैनीताल द्वारा तत्काल अधीनस्थों के साथ मीटिंग कर घटना के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा करते हुए एवं पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों से मृत्यु के कारणों के सम्बन्ध में जानकारी करने के उपरान्त घटना के समस्त पहलुओं की गहनता से जाँच करने के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिये गये।
पंकज भटट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल के पर्यवेक्षण तथा हरंबन्स सिंह एस.पी. सिटी हल्द्वानी, भूपेन्द्र सिंह धौनी सी.ओ. सिटी हल्द्वानी के पर्यवेक्षण में सपेरे रमेश की गिरफ्तारी करने के पश्चात हत्या के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी करने हेतु पुलिस टीमों को गठन किया गया। जिनके द्वारा दिल्ली, हरियाणा, नेपाल, बिहार व उत्तराखण्ड के अन्य जिलों में पुलिस टीमों को रवाना किया गया साथ ही एसओजी नैनीताल व सर्विलॉस सेल टीम को फरार आरोपियों के नम्बरों की मॉनिटरिंग करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। 17 जुलाई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा हत्या के 04 आरोपियों माही उर्फ डॉली, दीपू काण्डपाल, राम अवतार, ऊषा देवी पर 25,000/- हजार रूपये व नीलेश आनन्द भरणे पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र द्वारा 50,000/- हजार रूपये के नगद ईनाम घोषणा की गयी। पुलिस टीमों के ताबड़तोड़ दबिश व कार्यवाही से दबाब में आये हत्या काण्ड के मुख्य आरोपी को उसके प्रेमी सहित वकील से सम्पर्क करने की कोशिश के दौरान पुलिस टीम को मिली लीड अभियुक्ता माही उर्फ डॉली व दीपू काण्डपाल को पुलिस ने एएन झां इण्टर कॉलेज के समीप रूद्रपुर से गिरफ्तार किया गया तथा प्रारम्भिक पूछताछ में आरोपियों द्वारा अपने जुर्म का
बचपन के प्रेमी से मिले धोखे के बाद बदली माही की जिंदगी
माही उर्फ डॉली जो प्रेमपुर लोस्ज्ञानी अपने परिवार के साथ रहती थी वर्ष 2008 में बचपन के प्रेमी द्वारा धोखा दिये जाने से आहत होकर घर छोड़कर अलग रहने लगी। इस दौरान वह हल्द्वानी के पूर्व में गलत धन्धा करने वाली महिलाओं के सम्पर्क में आ गयी जिनके साथ उसने काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान 2016 में दीप काण्डपाल निवासी मोटाहल्दू से उसकी मुलाकात हुई तब से दीप काण्डपाल उसका दोस्त बन गया और उसके घरेलू आदि कामों में मदद करने लगा। इस दौराने माही और दीप काण्डपाल के शारीरिक संबंध भी बन गये तथा वर्ष 2017 में माही द्वारा अर्जुनपुर में प्लॉट खरीदकर अपना मकान बनाया गया ।
अंकित की टोकाटाकी और मारपीट से बनाया ठिकाने लगाने का प्लान
वर्ष 2020 में हल्द्वानी के किसी जानने वाले की मदद से उसकी मुलाकात गाड़ी खरीदने को लेकर अंकित से हुई इस बीच अंकित व माही की दोस्ती हो गयी। अंकित माही के घर आने जाने लगा और वह हर शनिवार माही के घर में ही रहता था और ये दोनो आपस में पार्टी करते थे और दोनो साथ में शराब भी पीते थे ।
अंकित से दोस्ती होने के उपरान्त कुछ समय बाद अंकित माही को लेकर ज्यादा पजेसिव होने लगा और वह छोटी छोटी बात पर माही को टोकने लगा और माही के अन्य लोगो से बात करने व बाहर जाने पर रोक-टोक लगाने लगा जिस कारण माही अपने अन्य ग्राहकों के पास नहीं जा पा रही थी और उसके आय के स्त्रोत बन्द होने लगे। इस बात को लेकर अंकित आये दिन माही के साथ शराब पीकर गाली-गलौच और मारपीट करने लगा। दोनों के बीच कई बार झगड़े हुए एवं कई बार अंकित द्वारा उसके घर में तोड़फोड़ भी की गयी तथा अंकित की एक अन्य लड़की से दोस्ती की बात को लेकर भी माही उससे नाराज रहने लगी और अंकित के व्यवहार से उसे पता चल गया था कि वह उससे शादी नहीं करेगा। वह सिर्फ उसका उपयोग कर रहा है जिस कारण धीरे-धीरे माही के अन्दर अंकित के प्रति द्वेश भवाना पनपने लगी तथा अंकित के व्यवहार को लेकर दीप काण्डपाल भी आपत्ति करने लगा था। क्योकि दीप काण्डपाल ज्यादातर माही के घर में ही रहता था और उसके संबंध माही से स्वच्छन्द नहीं बन पा रहे थे जिस कारण उसने भी अंकित को रास्ते से हटाने के लिए माही से कहा।
इस दौरान माही अपने पारिवारिक समस्याओं के चलते पूजा पाठ आदि विधि विधानों विश्वास करने लगी और अपने परिचित के माध्यम से रमेश नाथ सपेरा जो सपेरे का काम भी करता था से उसकी मुलाकात हुई। वर्ष 2022 में माही ने सपेरा के माध्यम से अपने घर में कालसर्प दोष की पूजा की और सपेरा पूजा के लिए जंगल से साँप पकड़कर लाया था और पूजा का विधान पूरा कर साँप को जंगल में छोड़ दिया था। फिर माही ने सपेरा रमेश नाथ से 6 महीने पहले दीक्षा ग्रहण की तब से सपेरा का उसके घर आना जाना शुरू हो गया और माही के सपेरा से भी शारीरिक संबंध बन गये । एक साल पहले आर्दश नर्सरी के पास रहने वाली उषा देवी को माही ने अपने घर पर काम करने के लिए रखा था जिस कारण उषा देवी व उसके पति रामअवतार का भी माही के घर आना जाना शुरू हो गया । अंकित द्वारा मारपीट किये जाने के कारण कभी कभी माही रामअवतार की झोपड़ी में चली जाती थी और वही रूकती थी और कभी कभी खाना खाने भी जाती थी। माही की दीपू काण्डपाल, रमेश नाथ सपेरा, राम अवतार व उसकी पत्नी उषा देवी से गहरी घनिष्ठता हो गयी और ये लोग ही अंकित की हरकतों की वजह से उसको कई बार समझा चुके थे परन्तु अंकित का बदस्तूर आना जाना रहा ।
24 जून को माही दीपू काण्डपाल के साथ अपनी स्कूटी से अंकित के घर के पास पहुँच गयी और उसके परिजनों से उसकी शिकायत करने की बात कहने लगी। इस दौरान अंकित उन दोनो को लेकर माही के घर पर आ गया जहाँ उन लोगों के बीच बाते हुई परन्तु कुछ दिन बाद अंकित फिर से माही के घर में घुसकर गाली-गलौच मारपीट करने लगा इस बीच माही व दीपू काण्डपाल ने अंकित को रास्ते से हटाने की सहमति बना ली।
आखिरकार 14 जुलाई की रात लगभग 8 बजे माही ने दीप कान्डपाल, रामऔतार उसकी बीवी और रमेशनाथ सपेरे के साथ कम्बल डालकर अंकित को बेड पर पेट के बल लिटा दिया। फिर योजना के अनुसार अंकित के पैर पर साँप से डसवाया। कुछ देर बाद जब अंकित मर गया तो उसके शव को उसकी कार में रखकर पहले उसे भुजियाघाट से नीचे खाई में फैंकने के लिए लेकर गये थे लेकिन सम्भव ना होने पर उसके शव को उसकी कार में ही गौला बाईपास रोड पर तीनपानी के पास छोड़कर भाग गये थे।