गुलदारों के व्यवहार मे आ रहे परिवर्तन हैरानी भरा
उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तरकाशी जिले के विकासखंड चिन्यालीसौड़ के दिवारीखौल में आज सुबह आदमखोर गुलदार वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में फंस गया। आदमखोर ने विगत सप्ताह महिला को निवाला बनाया था। गुलदार के पिंजरे मे कैद होने की भनक लगते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसे स्पॉट पर ही सूट करने की मांग करने लगे। ग्रामीण पकड़े गए आदमखोर गुलदार को मौत के घाट उतारने पर अड़े रहे। जिस कारण वन विभाग के अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच तीखी नोक झोंक भी हुई। वन विभाग द्वारा ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के वायदे के बाद ग्रामीणों ने आदमखोर गुलदार को ले जाने दिया गया।
ग्रामीण इस बात का भी अश्वासन चाहते थे कि आदमखोर को इलाके से दूर छोड़ा जाय और गाँव के लोग भी उस समय मौके पर मौजूद रहे, क्योंकि वह फिर दूसरे क्षेत्र मे हमला कर देता है। धरासू रेंज अधिकारी नागेन्द्र रावत ने बताया कि लगभग 10 दिन पहले गडथ गांव के बलवीर सिंह चौहान पर गुलदार के हमले का बाद वन विभाग ने देवारीखोल में गढ़त गांव के पास पिंजरा लगाया था जिसमे मंगलवार सुबह गुलदार फंस गया। गुलदार को वन विभाग की टीम हरिद्वार चिड़ियापुर ले जा रही है।
गौरतलब है कि विगत सप्ताह जिले के चिन्यालीसौड़ भड़कोट मे गुलदार ने एक और महिला को अपना निवाला बना दिया था। चिन्यालीसौड़ के भड़कोट गांव में घर के पास घास काटने गई एक महिला भागीरथी देवी पर शनिवार सुबह घात लगाए गुलदार ने हमला किया जब वह घास काटने जंगल मे गयी थी। आसपास के ग्रामीणों ने शोर मचाया तब जाकर गुलदार शव को छोड़कर जंगल में भाग गया। बाद मे महिला ने अस्पताल ले जाते ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। वन विभाग सहित राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन ग्रामीणों ने शव को नहीं उठाने दिया। मामला बढ़ता देख डीएम अभिषेक रुहेला मौके पर पहुंचे। करीब छह घंटे बाद उनके आश्वासन पर महिला का शव उठाने के लिए ग्रामीण तैयार हुए
शुक्रवार सुबह भड़कोट निवासी भागीरथी देवी पत्नी स्वर्गीय भूपति प्रसाद नौटियाल उम्र 42 वर्ष अन्य महिलाओं के साथ घर से करीब एक किमी दूरी पर घास काटने गई थी। इसी दौरान वहां पर घात लगाए गुलदार ने भागीरथी देवी पर हमला कर दिया।
आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि एक माह के भीतर पांच किमी के दायरे में गुलदार के हमले में जान गंवाने वाली यह दूसरी महिला है। पहले भी एक अन्य अंगनवाड़ी कार्यकत्री महिला को गुलदार निवाला बनाया । गुलदार के हमले के क्षेत्र मे दहशत का माहौल है। लोग शाम ढलने से पहले घरों मे कैद हो जाते है।
ग्रामीणों का कहना है कि एक जुलाई से स्कूल खुलने वाले है, ऐसे मे विभाग बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए वाहन की व्यवस्था करे। मृतक आश्रितों को मुआवजा रोजगार मुहैया कराये। हथड पट्टी जंगल से घिरा है ऐसे मे हिंसक जानवर बस्तियों मे न आये, इसके लिए क्षेत्र मे तार बाड़ लगाई जाय।
गुलदारों के व्यवहार मे आ रहा परिवर्तन हैरानी भरा
जिस तरह से गुलदारों के व्यवहार मे परिवर्तन आ रहा है उससे विभागीय अधिकारी भी हैरान है। डीएफओ डी पी बलूनी का कहना है कि गुलदारों का एक एरिया होता है और वह अपने एरिया मे किसी दूसरे गुलदार कि आवाजाही पसंद नही करते। इससे संघर्ष भी होता है, लेकिन यहाँ गुलदार झुंड मे दिख रहे है। उन्होंने कहा कि झील क्षेत्र मे अधजले शव खाने से गुलदार आदमखोर हो गए है, लेकिन यह एरिया बहुत दूर है और यहाँ पर ऐसी परिस्थिति हैरान करने वाला है।