देहरादून। चार धाम मे श्रद्धालुओं की संख्या सीमित किये जाने का चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत, होटल और टूर आपरेटर एसोसिएशन ने विरोध किया है। विगत दिवस प्रतिनिधियों की अपर मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई वार्ता भी बेनतीजा रही। प्रतिनिधियों की मांग को शासन ने मुख्यमंत्री के सम्मुख रखने को कहा है।
तीर्थ पुरोहित सहित अन्य संगठन चार धाम आने वाले प्रतिनिधियों की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार द्वारा मांगे नहीं मानी गई तो जल्दी ही आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डा. बृजेश सती ने कहा कि चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण की व्यवस्था को समाप्त किया जाए । उन्होंने कहा कि यदि ये यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए आवश्यक है तो ऑफलाइन व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष शैलेनद्र मटूडा ने कहा कि सरकार की ओर से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है, उसका सभी विरोध करते हैं। उन्होंने इस व्यवस्था को समाप्त किए जाने की मांग की। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित एवं चार धाम महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि यदि एक सप्ताह में सरकार की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई तो जल्दी ही आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। टूर आपरेटर अभिषेक अहलूवालिया ने कहा कि यात्रियों की संख्या निर्धारित किए जाने का कोई औचित्य नहीं है। चारों धामों में सुविधाओं के विकास की ओर ध्यान देना चाहिए। बद्रीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता ने भी सरकार के इस कदम का विरोध किया और कहा कि चारों धामों में यात्रियों की रुकने की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है।
बैठक में होटल एसोसिएशन यमुनाघाटी के अध्यक्ष सोबन राणा, होटल एसोशिएशन पांडुकेश्वर के कन्हैणा, टूर ओपरेटर प्रतीक कर्णवाल, दीपक भल्ला, रामगोपाल, ब्रहम कपाल तीर्थ पुरोहित महापंचायत समिति के अध्यक्ष उमेश सती, गंगोत्री मंदिर समिति के सह सचिव निखिलेश सेमवाल, यमुनोत्री धाम के रावल अनुरूद उनियाल समेत अन्य शामिल रहे।