देहरादून। सीजेएम अदालत ने लक्ष्मणझूला पुलिस की हिरासत से भागकर युवक के गंगा में छलांग लगाने के मामले मे इंस्पेक्टर संतोष कुंवर और सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पुलिस के अनुसार युवक ने हिरासत से भगकर गंगा मे छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
गौरतलब है कि 18 अगस्त को कोटद्वार अग्निवीर भर्ती मे शरीक होने गए उत्तरकाशी जिले के धौंतरी निवासी केदार भंडारी पुत्र लक्ष्मण भंडारी भर्ती में असफल होने के बाद लौटते हुए 21 अगस्त को ऋषिकेश में रुक गया था। उसके पास 7 हजार रुपए थे।
वहीं पुलिस के अनुसार तपोवन में वह होटल के काम मांगने आया था। इसी बीच मुनिकीरेती पुलिस ने चेकिंग के दौरान उससे सफेद रंग का कट्टा बरामद किया। इसमें कुछ सामान रखा था। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान युवक के किसी आश्रम के दानपात्र से चोरी की बात कबूली थी। इसके बाद मुनिकीरेती पुलिस ने चोरी का मामला लक्ष्मणझूला क्षेत्र का होने पर वहां की पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी दी।लक्ष्मणझूला पुलिस अपने साथ केदार को ले आई। यहां पर वह पुलिस पूछताछ से घबरा गया। वह पुलिस को चकमा देखकर भाग गया और किरमोला घाट से होते हुए लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी। घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई, जिससे स्थानीय पुलिस के हाथ पांव फूल गए। युवक की गंगा में तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया।
परिजन और समर्थन मे आये लोगों द्वारा पुलिस पर सवाल उठाये जाने के विरोध को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने लक्ष्मणझूला थाने के निरीक्षक संतोष कुंवर को एसएसपी ऑफिस में अटैच का दिया था। दूसरी ओर केदार के पिता लक्ष्मण सिंह ने कोर्ट में वाद दायर कर आरोप लगाया था कि उनके पुत्र की हत्या पुलिस अभिरक्षा में हुई। सीजेएम रवि प्रकाश शुक्ला ने आज फैसला सुनाते हुए मामले मे दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिये।