देहरादून। कांग्रेस ने राज्य मे कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार की घेरेबंदी करते हुए कहा कि उत्तराखंड अपराधियों की सुरक्षित शरण स्थली बन गया है।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि राज्य में अवैध खनन का धंधा फल फूल रहा है तथा खनन माफिया द्वारा आये दिन हत्या की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। राज्य में भारी मात्रा में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है तथा सरकार खनन माफियाओं के दबाव में काम कर रही है। करन माहरा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की सुपारी देने का मामले मे भी खनन का कनेक्शन सामने आ रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में निजी भूमि पर समतलीकरण के लिए माइनिंग प्लान (आर.पी.क्यू.)बनाकर खनन की इजाजत दी जाती थी जिसमें जियोलॉजिकल रिपोर्ट तथा पर्यावरण क्लीयरेंस जरूरी था तथा यह भी देखा जाता था कि इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पडेगा। खनन की इजाजत नीलामी द्वारा दी जाती थी जिससे खनन विभाग तथा सरकार को राजस्व के रूप में आर्थिक लाभ पहुंचता था।
पूर्व में खुली नीलामी की प्रक्रिया में रेता (आर.बी.एम.) 32 से 40 रूपये प्रति कुन्तल में लिया जाता था वहीं अब नई नीति में कुछ पहुंच वाले लोगों को मात्र 7 से 8 रूपये प्रति कुन्तल मे मिल रहा है। पूर्व में नदियों में जितनी मात्रा में प्रतिवर्ष खनन होता था वह इस नीति के आने के बाद नहीं हो पा रहा है। अकेले कोसी, गौला, चोरगलिया, दाबका जैसी नदियों में 5500 ट्रांस्पोर्टरों की 14000 गाडियां रजिस्टर्ड हैं जिनके कारोबार में इस नीति के कारण विपरीत प्रभाव पड़ा है। न्यायालय ने भी मामले पर प्रतिकूल टिप्पणी की है।
उत्तराखण्ड में पिछले 1 महीने में घटी अपराध की घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड पुलिस का स्तर कहां पहुंच गया है। समाज के अराजक तत्व और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों में उत्तराखंड पुलिस प्रशासन का डर और भय समाप्त होता हुआ साफ दिखाई पड़ रहा है।
ममता बहुगुणा पिछले 3 साल से पौड़ी के श्रीनगर से लापता है। पुलिस प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं कि ममता कहां है और आखिर इस केस की फाइल को दबा क्यों दिया गया।
अंकिता भंडारी हत्याकांड पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार के ढीले और लापरवाह रवैए की वजह से राष्ट्रीय मुद्दा बन गया। भाजपा नेता के रिसोर्ट पर आनन-फानन में बुलडोजर चलवाकर सारे साक्ष्य मिटा दिए गए। अंकिता केस में एक नहीं सैकड़ों सवाल हैं जिनके जवाब अनुत्तरित हैं।
उत्तराखंड में आम आदमी की सुरक्षा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब सरकार अपने ही मंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रही है तो एक आम आदमी का यहां क्या हाल हो रहा होगा यह समझा जा सकता है
डोईवाला में दिनदहाड़े प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई के वहां डकैती, पिंकी हत्याकांड, देवाल, चमोली , दलित युवक जगदीश हत्याकांड, सल्ट, अल्मोड़ा, दलित युवक जितेन्द्र दास हत्याकांड, थत्यूड, टिहरी, 6. दलित युवक लखनलाल हत्याकांड, जौनपुर, टिहरी, 7. दलित युवती मनाली हत्याकांड, हर्रावाला, देहरादून, 2021 राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था के जीते जागते उदाहरण हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने यह भी कहा कि कांग्रेस प्रवक्ताओं द्वारा जनहित के मुद्दों को मीडिया और सोशल मीडिया में उठाने पर कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी, सूरज नेगी और गणेश उपाध्याय पर झूठे मुकदमे दर्ज किये गये हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक के इस्तीफे की भी मांग की है।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, भारत जोड़ो यात्रा मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री ताहिर अली, प्रदेश अनुसूचित जाति अध्यक्ष दर्शन लाल मौजूद थे।
प्रदेश मे कानून का राज, कांग्रेस के आरोप निराधार:भट्ट
प्रदेश मे कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने निराधार बताया और कहा कि प्रदेश मे कानून व्यस्था पूरी तरह से पटरी पर है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि खनन माफियाओं से सांठ गाँठ का आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेताओं को अपने पूर्व के कार्यकाल की ओर देखने की जरूरत है। पूर्व मे खनन माफियाओं द्वारा वन एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों पर ट्रक चढ़ाने की घटना यह स्पष्ट करती है की माफियाओं से किसकी मिली भगत रही है।
उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी प्रकरण मे राजनीति कर रही कांग्रेस को पता है कि मामला अब एसआईटी के पास है और मसले की फास्ट ट्रैक मे सुनवाई के लिए सीएम अदालत से अनुरोध कर चुके है। सरकार ने मामले मे त्वरित कार्यवाही की तथा आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा। यही स्थिति भर्ती घोटालों मे भी हुआ और सरकार जाँच से पीछे नही हटी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैतिक साहस दिखाया और आज नतीजा सबके सामने है। किसी को भी बचाने के लिए नही, बल्कि उन्हे कानून के दायरे मे लाने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक जो भी मामले संज्ञान मे आये है उन पर सीएम ने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये है और कैबिनेट मंत्री के खिलाफ साजिश बुनने वाले भी सलाखों के पीछे है। मामले की पूरी तह मे जाकर जांच की जायेगी।
भट्ट ने कहा कि कानून अपना कार्य कर रहा है और जांच एजेंसियां पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। विपक्ष सरकार के साथ जांच एजेंसियों को भी निशाने पर ले रहा है जो उनके मनोबल पर असर डाल सकता है, जबकि सभी आरोप निराधार है।