थाना रानीपोखरी में अवैध रूप से धर्मान्तरण के तहत दर्ज किया गया था मुकदमा
विवेचना में आये 04 आरोपियों को वांरट बी पर जिला कारागार आगरा से न्यायालय में किया गया था तलब
संकलित साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने चारों भेजा न्यायिक अभिरक्षा में
देहरादून। रानीपोखरी निवासी एक युवती को अब्दुर रहमान नाम के व्यक्ति द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बहला फुसलाकर उसके धर्मान्तरण के प्रयास के प्रकरण में युवती के परिजनो द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने पुलिस द्वारा चारों को वांरट बी पर न्यायालय मे पेश कर न्यायिक अभिरक्षा मे भेज दिया है। पुलिस ने आरोपियों को तलब करने हेतु न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था।
उत्तराखण्ड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम मे पंजीकृत मुकदमे मे विवेचना के दौरान अब्दुर रहमान उर्फ रूपेन्द्र सिंह के साथ एस0वी0 कृष्णा उर्फ आयशा माहेनूर, अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल, अबु तालिब तथा अन्य व्यक्तियों के नाम प्रकाश में आये थे।
आरोपी अब्दुल रहमान व उसके साथियों को आगरा पुलिस द्वारा आगरा में धर्मान्तरण के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग में गिरफ्तार किया गया था। रानीपोखरी में दर्ज अभियोग की विवेचना के दौरान आरोपियों के विरूद्ध प्राप्त दस्तावेजी एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के आधार पर पुलिस द्वारा चारों अभियुक्तों को वांरट बी पर तलब करने हेतु न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसके आधार पर न्यायालय के आदेशानुसार प्रकरण में प्रकाश में आये चारों आरोपियों अब्दुल रहमान उर्फ महेन्द्र पाल सिंह, एसवी कृष्णा उर्फ आयशा माहेनूर, अब्दुर रहमान उर्फ रूपेन्द्र सिंह तथा अबु तालिब पुत्र मौ सरदार फारूकी को आज आगरा पुलिस द्वारा वारंट बी पर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय द्वारा चारों अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार सुद्धोवाला भेजा गया।
क्या है मामला
अवैध रूप से धर्मांतरण प्रकरण में पुलिस ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। अभियोग रानी पोखरी निवासी पीड़िता से पूछताछ में गिरोह के संपर्क में आयी बरेली निवासी एक अन्य पीड़िता की पुलिस को मिली थी। जांच मे पीड़ित युवतियों से पूछताछ में गिरोह का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन आया प्रकाश में आया था। जांच मे सामने आया कि पीड़िताओं को दिल्ली बुलाया जाता था और पाकिस्तान के मौलवियों के माध्यम से दिलाई कुरान की शिक्षा दी जाती थी। इसके लिए परिवार से अलग-थलग पड़ी युवतियों को गिरोह द्वारा चिंहित किया जाता था। युवतियों से सहानुभूति दिखाकर उनका विश्वास जीतते हुए उन्हें इस्लाम धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित कर किया जाता था और उनका ब्रेनवाश किया जाता था। पीडित युवतियो का ब्रेनवाँश करने के लिए गिरोह द्वारा मुस्लिम धर्म की उच्च शिक्षा प्राप्त युवतियों काइस्तेमाल किया जाता था।
दिल्ली में युवतियों का धर्मांतरण कर मुस्लिम यूवको उनका निखार कराया जाता था।ऑपरेशन कालनेमि” के तहत दून पुलिस द्वारा अपना धर्म व पहचान को छिपाकर महिलाओं को धोखा देने वाले व्यक्तियों को भी लगाता चिन्हित किया जा रहा था।
रानीपोखरी निवासी एक व्यक्ति ने थाना रानीपोखरी पर दिनांक 18/07/2025 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र, जिसमें वादी की पुत्री उम्र 21 वर्ष, जो पिछले कुछ समय से अजीब व्यवहार कर रही है, शक होने पर जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि कुछ मुस्लिम लडके व मुस्लिम लडकी जबरदस्ती उनकी बेटी को बहला फुसलाकर मुस्लिम बनाना चाहते हैं तथा उनकी बेटी को मुस्लिम बनाने के लिए पैसे व अन्य तरह के लालच दे रहे हैं, जिससे उनकी बेटी अजीब व्यवहार कर रही है, उनकी बेटी को कुछ मुस्लिम लडके नाम अब्दुर रहमान निवासी सहसपुर देहरादून, अबु तालिब मुजफ्फरनगर, अयान दिल्ली, अमन दिल्ली, मुस्लिम महिला स्वेता निवासी गोवा पैसों का अन्य तरह का प्रलोभन देकर जबरदस्ती मुस्लिम बनाने का प्रयास कर रहे हैं तथा उनकी बेटी का ब्रेनवास करा रहे हैं तथा उन्हें शक है कि इसमें अन्य मुस्लिम पुरूष व अन्य मुस्लिम महिला सम्मिलित हो सकते हैं। प्रार्थना पत्र पर थाना रानीपोखरी पर मु0अ0सं0- 58/2025 धारा 3/5 उत्तराखण्ड धार्मिक स्वतंत्रता अधि० 2018 बनाम अब्दुर्र रहमान आदि पंजीकृत किया गया ।
पीडिता की काउंसलिग के दौरान ये तथ्य प्रकाश में आये कि यह मामला केवल अंतरराज्यीय स्तर का न होकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का है, साथ ही वर्तमान में उत्तर प्रदेश में जनपद आगरा में प्रचलित धर्मांतरण के केस से भी जुडे हैं। इसके पश्चात आगरा पुलिस से सम्पर्क कर पीडिता द्वारा दी गई जानकारी को आगरा पुलिस के साथ शेयर किया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय गैंग से जुडे होने तथा इस सम्बन्ध में आगरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये कुछ अभियुक्तों की संलिप्तता जनपद देहरादून में चल रही विवेचना में भी होना पाया गया। दौराने विवेचना पाया गया कि जब पीडिता उर्फ मरियम नाबालिग थी तो फेस बुक के जरिये इसकी दोस्ती अबु तालिब पुत्र फारूखी निवासी किदवई नगर खालापार मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से हुई जिसने इसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और बताया कि इस्लाम अपनाने पर उसकी जिन्दगी बहुत अच्छी हो जायेगी। उक्त अबू तालिब द्वारा व्हटशएप पर पीडिता को कलमा भेजकर उसे पढवाकर बताया कि अब तुम मुस्लिम बन चुके हो और उसे मरियम नाम दिया। उक्त अबू तालिब ने उसे अपने धनबाद झारखण्ड के दोस्त अयान से सोशल मीडिया के जरिये मिलवाया और पीडिता को उसके घर से भगाकर अयान के साथ निकाह करने का षडयंत्र रचा।