LUCC और सोशल बेनिफिट घोटाले मे समानता, दोहरे मापदंड क्यों अपना रही सरकार?: कांग्रेस

सोशल बेनिफिट मे हुई है 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि

एलयूसीसी की जांच सीबीआई को तो शोसल बेनिफिट की आर्थिक अपराध शाखा को क्यों? 

पूर्व सीएम के औधोगिक सलाहकार से जुड़े मामले की भी हो सीबीआई जांच

देहरादून। एलयूसीसी फ्राड प्रकरण मे सीबीआई जांच की संस्तुति के बाद शोसल बेनिफिट प्रकरण मे कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस का कहना है कि एलयूसीसी की भाँति ही शोसल बेनिफिट प्रकरण मे समानता है, लेकिन इसमें सरकार बचाव की मुद्रा मे है।

कांग्रेस मुख्यालय मे पत्रकारों से वार्ता करते हुए पार्टी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि  LUCC घोटाले की तरह ही ‘सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड लिमिटेड’ नामक कंपनी ने भी उत्तराखंड के हजारों निवेशकों की खून-पसीने की कमाई को लूटा है।

दसौनी ने कहा कि इस कंपनी के संचालन में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार के.एस. पंवार की पत्नी की सीधी भूमिका रही है, जो निदेशक पद पर थीं। शुरुआती जांच में 200 करोड़ रुपये से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हो चुकी है।
जब यह मामला उजागर हुआ, तब आनन-फानन में के.एस. पंवार द्वारा अपनी पत्नी से इस्तीफा दिलवाया गया।
दसौनी ने भाजपा की ‘चुनिंदा नैतिकता’ पर सवाल उठाते हुए कहा कि LUCC घोटाले में सीबीआई जांच की संस्तुति हुई, तो सोशल बेनिफिट घोटाले को EOW(आर्थिक अपराध शाखा) को क्यों सौंपा गया? क्या सत्ता से जुड़े लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है? सोशल बेनिफिट मे 40 से 50 हजार निवेशकों के नाम पर फर्जी एफडी-आरडी खाते खोले गए। क्या भाजपा बताएगी कि कितनों के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ, और किसने काला धन सफेद किया?क्या यह मात्र संयोग है कि दो बार पहले जांच हो चुकी है, फिर भी कार्रवाई शून्य रही? अथवा भाजपा की छत्रछाया में इस घोटाले को दबाया गया? कंपनी में मृत व्यक्तियों और अनजान लोगों के नाम पर निवेश हुआ है। क्या ये पैसा मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला से जुड़ा है?

गरिमा ने धामी सरकार से मांग की कि LUCC और सोशल बेनिफिट दोनों घोटालों की संयुक्त जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए। पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी औद्योगिक सलाहकार के.एस. पंवार और उनकी पत्नी की संपत्ति की जांच ED और आयकर विभाग से कराई जाए। जांच पूरी होने तक के.एस. पंवार और उनसे संबंधित लोगों की सभी संपत्तियां फ्रीज की जाएं।
राज्य सरकार LUCC की तरह इस घोटाले के पीड़ितों के लिए भी मुआवजा और राहत पैकेज घोषित करे।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह रवैया साफ दर्शाता है कि वह केवल उन्हीं घोटालों पर कार्रवाई करती है जिनमें आम चेहरे शामिल हों। जहां भी सत्ता पक्ष या उसके परिजन संलिप्त हों, वहां जांच को दबाने, घुमाने और कमजोर करने की नीति अपनाई जाती है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाएगी और 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देगी।

 

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