हरिद्वार निगम जमीन घोटाले मे डीएम, एसडीएम और नगर आयुक्त सस्पेंड

54 करोड़ के जमीन घोटाले में की जांच सतर्कता विभाग के हवाले

देहरादून। हरिद्वार नगर निगम भूमि घोटाले की प्रारंभिक जांच मे दोषी पाए गए 2 आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।

गौरतलब है कि हरिद्वार नगर निगम द्वारा कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त और सस्ती कृषि भूमि को 54 करोड़ रुपये में खरीदने के मामला सुर्खियों मे बना हुआ था। मामले मे न तो भूमि की वास्तविक आवश्यकता थी, न ही पारदर्शी बोली प्रक्रिया अपनाई गई थी। शासन के स्पष्ट नियमों को दरकिनार कर एक ऐसा सौदा किया गया जो हर स्तर पर संदेहास्पद था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई और रिपोर्ट मिलते ही तीन बड़े अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। आईएएस रणवीर चौहान ने बीते गुरुवार को
शहरी विकास सचिव नितेश झा को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। सौंपी गयी रिपोर्ट में तीन बड़े अधिकारियों को प्रथम दृष्टया दोषी करार दिया गया था।

मामले मे कर्मेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी (डीएम), हरिद्वार पर भूमि क्रय की अनुमति देने और प्रशासनिक स्वीकृति देने में उनकी भूमिका संदेहास्पद पाई गई। एसडीएम अजयवीर सिंह की जमीन के निरीक्षण और सत्यापन की प्रक्रिया में घोर लापरवाही बरती गई, जिससे गलत रिपोर्ट शासन तक पहुंची। वहीं वरुण चौधरी, पूर्व नगर आयुक्त पर उन्होंने बिना उचित प्रक्रिया के भूमि क्रय प्रस्ताव पारित करने और वित्तीय अनियमितताओं में प्रमुख भूमिका के निर्वहन के बात जांच मे सामने आयी।

अब इन तीनों अधिकारियों को वर्तमान पद से हटा दिया गया है और शासन स्तर पर आगे की विभागीय और दंडात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है। वहीं मामले की जांच विजिलेंस करेगी।

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