देहरादून। हरेला पर्व पर सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओ ने धरती को हरियाली से अच्छादित करने और पर्यावरण के संतुलन का संकल्प लिया और वृक्षारोपण किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के निकट वन विभाग द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग कर पौधा रोपण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ने वाले पारंपरिक पर्व हरेला की शुभकामनाएं दी। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि हरेला पर्व के तहत एक माह तक वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयासों की जरूरत है। प्रत्येक जनपद में जल स्रोतों एवं गदेरों के पुनर्जीवन एवं संरक्षण के लिए कार्य किए जायेंगे। नदियों के संरक्षण एवं नदियों के पुनर्जीवन थीम पर इस वर्ष हरेला पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास एवं पर्यावरण में संतुलन होना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। देवभूमि उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखंड की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने हरेला पर्व को सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा पौधारोपण एवं प्रकृति के संरक्षण से ही हम शुद्ध हवा शुद्ध जल एवं अन्य प्राकृतिक लाभ ले सकते हैं। एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमने अपने भविष्य को संवारना होगा एवं पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा । पौधों के संरक्षण एवं प्रकृति कि स्वच्छता का कार्य प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से विशेष आग्रह करते हुए पौधारोपण एवं स्वच्छता कार्यक्रमों पर ज्यादा से ज्यादा अपना सहयोग देने की बात कही । उन्होंने कहा कि हरेला पर्व पर प्रदेश में 15 लाख वृक्ष लगाए जायेंगे। जिनमें 50 प्रतिशत फलदार पौधे होंगे।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काऊ, प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
धरती के श्रृंगार का आधार है हरेला पर्व: डॉ. धन सिंह
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने देहरादून के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड़ पहुँच कर विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर छात्राओं को पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। साथ ही उन्होंने शिक्षकों, छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण की अपील की।
शिक्षा मंत्री कहा कि हमारे पूर्वज प्रकृति बेहद करीब थे, वह जानते थे कि कुदरत ने उन्हें अपार प्राकृतिक सम्पदा से लैस किया है, लेकिन वह प्राकृतिक संसाधनों का जितना दोहन करते थे उतना ही वापस प्रकृति को लौटते थे, यही वजह है कि हमारे बुजुर्गों ने हरेला जैसे कई लोक पर्व मनाने की परंपरा विकसित की। डॉ. रावत ने कहा कि लोक पर्व हरेला धरती के श्रृंगार का आधार है और पर्यावरण को बचाये रखने के लिये वृक्षारोपण करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हमारे अस्तित्व का आधार है जिसे बचने के लिये सभी लोगों को जागरूक होना जरूरी है। डॉ0 रावत ने प्रदेशभर के सभी शिक्षकों, छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण की अपील की। वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं योग कौशल का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एनसीसी , एनएसएस, पुलिस कैडेट , स्काउट गाइड ,बैंड, ईको क्लब की छात्राओं द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में राजकुमार पुरोहित, मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ मुकुल कुमार सती, जिला शिक्षा अधिकारी सुदर्शन सिंह बिष्ट, प्रधानाचार्या प्रेमलता बौडाई, इको क्लब प्रभारी रितु मलिक सहित विद्यालय की अध्यापिकाएं व छात्राएं उपस्थित रहे।
सिल्वर वैल अकैडमी के बच्चों ने निकाली जागरूकता रैली
सिल्वर वैल अकैडमी के विद्यालय प्रांगण में हरेला पर्व के अवसर पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर देवभूमि महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष व विद्यालय के प्रबंध निदेशक प्रमोद कपरुवाण शास्त्री ने कहा हरेला का त्यौहार उत्तराखंड का लोक पर्व है। यह विशेष रूप से कुमाऊं में मनाया जाता है और गढ़वाल क्षेत्र में यह पर्व घी संक्रांति के नाम से मनाया जाता है। हरेला समृद्धि का पर्व है और उत्तराखंड राज्य का लगभग 65% भू भाग में वन होने से यह प्रदेश अथवा देश ही नहीं, अपितु दुनिया को मुफ्त में शुद्ध वातावरण मुहैया कराता है। जिस तरह विकास के चलते पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है यह चिंता का विषय है। लेकिन विकास भी जरूरी है और हम सब लोगों को संकल्प लेना है कि अधिक से अधिक संख्या में हम वृक्षारोपण कार्य करें। वृक्षों का संरक्षण करें जिससे पर्यावरण को बचाया जा सके।
इस अवसर पर नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा हाथ में स्लोगन लिखे तक्तियों में आओ मिलकर भूल सुधारें पर्यावरण का रूप निखारे, कहते हैं यह वेद पुराण वन धरती मां के हैं वरदान, वृक्षारोपण कार्य महान एक वृक्ष 10 पुत्र समान, के नारों को लेकर के जन जागरण रैली निकाली इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीमती मीना रतूड़ी विद्यालय की प्रबंधक श्रीमती अंजना कपरूवाण विद्यालय की अध्यापिकाये रितु गौड़ पूजा जगुड़ी कुसुम जुयाल बिभा बिष्ट अंजली नौटियाल अर्चना मनवाल सावित्री ऊरवसी भट्ट सहित छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग कर पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया।