पर्वतीय जिलों मे पर्यटक स्थलों के आसपास हुई जमीनों की सर्वाधिक खरीद फरोख्त, रिपोर्ट तलब – News Debate

पर्वतीय जिलों मे पर्यटक स्थलों के आसपास हुई जमीनों की सर्वाधिक खरीद फरोख्त, रिपोर्ट तलब

सीएम ने राजस्व सचिव से मांगी है खरीद फरोख्त की रिपोर्ट

देहरादून। राज्य मे भू कानून मे हुए संशोधन के बाद मैदानी जिलों के साथ ही पर्वतीय जिलों मे भी बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त हुई है। कड़े भू कानून लाने की सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव राजस्व एसएन पांडेय से अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी व पौड़ी जिले में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद-फरोख्त की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा होगा कि इन जिलों में राज्य से बाहर के कितने लोगों ने 250 वर्ग मीटर की सीमा से अधिक भूमि खरीदी है।यह भी देखा जाएगा कि एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा यदि नियमों के विपरीत भूमि खरीदी गई है, तो विभाग इसे सरकार में निहित करने -की प्रक्रिया शुरू करेगी। सीएम ने सचिव को उन लोगों की भी जांच के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने निवेश के नाम पर 12.50 एकड़ भूमि खरीद तो ली लेकिन, उसका उपयोग दूसरे कामों लिए किया। इस जांच के दायरे में निकाय क्षेत्र शामिल नहीं हैं।

पूर्व में सरकार को इस छूट का दुरुपयोग होने की भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। राजस्व सचिव से इन तथ्यों के आधार पर जांच करने को कहा गया है। सीएम ने भूमि बंदोबस्त और चकबंदी के अभियान में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है। सीएम ने शुक्रवार को एलान किया था कि अगले बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाने को विधेयक लाया जाएगा।

याह बात सामने आयी है कि राज्य के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर जमीनों की सबसे अधिक खरीद-फरोख्त हुई। गढ़वाल में टिहरी, धनोल्टी, उत्तरकाशी, चमोली के औली, पौड़ी के लैंसडौन के आसपास बाहरी राज्यों के लोगों ने जमीन खरीदी। कुमाऊं में भीमताल, नैनीताल, समेत कई अन्य पर्यटक स्थलों में भी जमीन की खरीद-फरोख्त हुई।सीएम से सभी पर्यटक स्थलों में भूमि खरीद-फरोख्त की जांच की मांग की गई है। लोगों की शिकायत है कि यहां बसने के नाम पर खरीदी गई जमीन की सौदेबाजी का बड़ा खेल हो रहा है।

सीएम के फैसले के बाद इस मामले में शिकायतें आने लगी हैं। राज्य आंदोलनकारियों ने सीएम से शिकायत की कि कुछ प्रापर्टी डीलर आरक्षित वर्ग की जमीन का पहले खुद सौदा कर रहे और बाद में दूसरे वर्ग के लोगों को बेच रहे हैं। गोलापार में ऐसी पूरी बस्ती बसा दी गई है। सीएम ने इसकी भी जांच करने के आदेश राजस्व सचिव को दिए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में कई स्थानों में आरक्षित वर्ग की जमीनों को सुनियोजित ढंग से बेचने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इससे जनसांख्यिकीय परिवर्तन हो रहा है। जमीन की खरीद-फरोख्त में यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। सख्त भू-कानून बनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित प्रारूप समिति को तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं। समिति हितधारकों की राय भी लेगी।

भू कानून को लेकर सीएम की घोषणा के बाद अब पर्वतीय तथा मैदानी क्षेत्रों मे जमीनों की अवैध खरीद फरोख्त पर अंकुश लगने की उम्मीद बढ़ रही है। हालांकि मामले मे आंदोलनरत लोग मूल निवास के स्वरूप को 1950 की मांग कर रहे हैं।

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