बिहार व अन्य राज्यों में हत्या, जबरन वसूली के अनेक मामले दर्ज
कोटद्वार(चंद्रपाल सिंह चन्द)। धोखाधड़ी के मामले में वांछित चल रहे मुख्य आरोपी को पुलिस ने बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है। आरोपी के ऊपर पच्चीस हजार का इनाम घोषित था। इस गिरोह के दो साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
पुलिस ने बताया कि गत वर्ष 20 नवम्बर को तहसीलदार यमकेश्वर सुधा डोभाल ने थाना यमकेश्वर में तहरीर देकर बताया कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तहसील के सरकारी खाते के कूटरचित चैक बनाकर 11,17,027 रुपये की धोखाधड़ी की गयी हैं। पुलिस ने तहरीर के आधार पर भादवि की धारा 420/ 467/ 468/ 471 व 120(बी) के तहत अज्ञातों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया था। मामले की जांच के बाद पुलिस ने उक्त मामले में संलिप्त अभियुक्तों निहाल सिन्हा पुत्र बच्चू सिह एवं अभियुक्त रोहित राज पुत्र मनोज कुमार को पटना के थाना कंकरबाग क्षेत्र के चाँदमारी चौक से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस अभियोग का मुख्य आरोपी गोरे लाल यादव उर्फ दीपक कुमार उर्फ गोरखा पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। एसएसपी पौड़ी ने फरार अभियुक्त गोरखा के ऊपर पच्चीस हजार का ईनाम घोषित किया था। अभियुक्त की सुरागरसी में लगी पुलिस टीम ने गुरुवार को फरार अभियुक्त गोरे लाल यादव उर्फ दीपक कुमार उर्फ गोरखा पुत्र दिनेश यादव निवासी ग्राम हुसेना मेदनी चौक थाना जिला लखीसराय (बिहार) को कदमकुवा थाना पटना (बिहार) से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त गोरखा के विरूद्ध बिहार के कई थानों में हत्या, डरा धमकाकर जबरन वसूली जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि उनका गिरोह बैंकों से सरकारी निकायों, कार्यालयों के चैक व खाता संख्या आदि की जानकारी लेकर उनकी चैक बुक का क्लोन बनाकर उन्हें फर्जी आईडी के खोले खातों में लगाते थे। धोखाधड़ी कर विभिन्न खातों से निकाले गए पैसों को वह आपस में बांट लेते थे।
अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में उमेश कुमार (थानाध्यक्ष यमकेश्वर), कमलेश शर्मा (प्रभारी सीआईयू), अपर उपनिरीक्षक अहसान (सीआईयू), अपर उपनिरीक्षक मुनेश, आरक्षी संजीव, आरक्षी अमरजीत (साइबर सेल) व आरक्षी अरविन्द राय (साइबर सेल) शामिल रहे।