बच्ची के यौन शोषण का सीएम ने लिया संज्ञान, आवासीय संस्थाओं के सघन निरीक्षण के निर्देश – News Debate

बच्ची के यौन शोषण का सीएम ने लिया संज्ञान, आवासीय संस्थाओं के सघन निरीक्षण के निर्देश

देहरादून। हल्द्वानी के गौलापार में दृष्टिबाधित बच्ची से यौन शोषण के मामले का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए प्रदेश में संचालित आवासीय शैक्षणिक संस्थाओं के सघन निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने समस्त जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।

दृष्टिबाधित बच्ची के यौन शोषण के आरोप में बीते शुक्रवार को पुलिस ने नेशनल एसोसिएशन फार द ब्लाइंड (NAB) नवाड़खेड़ा, गौलापार के महासचिव एवं संचालक श्याम धानक को गिरफ्तार किया था।

मुख्यमंत्री ने इस अमानवीय घटना का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए निर्देशित किया है कि प्रदेश में संचालित तमाम अन्य आवासीय संस्थाओं में तत्काल सघन निरीक्षण किया जाए, ताकि इस प्रकार की दुखद एवं हृदय विदारक घटना की पुनरावृत्ति न हो।

इस प्रकरण में सोमवार को अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि सम्बन्धित विभाग व पुलिस के अधिकारियों के साथ संयुक्त टीम बनाकर आवासीय शैक्षणिक संस्थाओं में जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे के साथ यौन शोषण अथवा दुर्व्यवहार का कोई प्रकरण संज्ञान में आता है, तो तत्काल कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही जागरूकता अभियान के अन्तर्गत संस्थाओं में सघन निरीक्षण करते हुए तत्सम्बन्धी आख्या शासन को एक माह के भीतर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

जेल जा चुका है संस्थान का संचालक

गौरतलब है कि उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में दृष्टिबाधित लड़की का कथित रूप से यौन शोषण करने वाले एक संस्थान के संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि ‘नैशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड’ (नैब) के 60 साल के संचालक श्याम धानक को शुक्रवार शाम हल्द्वानी के दमुवाढूंगा बंदोबस्ती स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया। संस्थान में रहने वाली कुछ नाबालिग लड़कियों ने धानक के खिलाफ अपनी शिकायत किसी तरह से नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक पहुंचाई थी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को जांच करने के निर्देश दिए।

आरोपों के सही पाए जाने के बाद धानक को गिरफ्तार किया गया। धानक काफी लंबे समय से दृष्टिबाधित और मूक-बधिर बच्चों की आवासीय संस्था नैब का संचालन कर रहा था। जांच में पता चला कि उसने बच्चियों से यह बात किसी को नहीं बताने को कहा था। पता चला है कि कथित यौन शोषण का विरोध करने पर मासूमों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें खाना भी नहीं दिया जाता था। बच्चियों के पास मोबाइल फोन या संचार का कोई अन्य साधन नहीं रहता था, इसलिए वहां की बालिकाओं ने किसी तरह से किसी व्यक्ति के माध्यम से जुलाई में एक पत्र पुलिस को भिजवाया। पत्र मिलने के बाद पुलिस ने एक-डेढ़ महीने तक मामले की जांच की और आरोपों को सही पाए जाने के बाद धानक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।  धानक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376, 504, 354 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

 

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