मुकदमे मे ढिलाई और गिरफ्तारी न करने पर हटाये गए चौकी प्रभारी
देहरादून। राजधानी क्षेत्र मे हुए जमीनों के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जीवाड़े की परत दर परत उधड़ने लगी है। पुलिस ने मामले मे मुज्जफर नगर के एक हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि जुलाई में रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीनों से जुड़े दस्तावेजो के साथ छेड़छाड़ व कूटरचित षड्यंत्र कर बेचने का मामला सामने आया था,जिसमे प्रशासन द्वारा शिकायत के बाद पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने मामले में राजधानी के बड़े वकील कमल विरमानी सहित कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर फर्जीवाड़े का खुलासा किया था।
एसआईटी द्वारा आरोपियों से पूछताछ में राजधानी में रायपुर, रिंग रोड सहित राजपुर रोड में भी एक जमीन में फर्जीवाड़ा करने की जानकारी मिली। छानबीन करने पर एसआईटी द्वारा कल गुरुवार को मुज़फ्फरनगर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है। राजपुर थाने में चल रही मामले की जांच में जाखन चौकी प्रभारी द्वारा जांच में ढिलाई बरतने पर पुलिस कप्तान द्वारा चौकी प्रभारी जाखन को पद से हटाते हुए कार्यालय संबद्ध किया है।
पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बताया कि एसआईटी द्वारा फर्जीवाड़े की जांच के दौरान राजपुर में स्थित एक जमीन में फर्जीवाड़े के साक्ष्य मिले थे,जिसमे आरोपियों द्वारा एक मृतक महिला की प्रॉपर्टी को खुर्द बुर्द करते हुए 1978 के उसकी जमीनी कागज़ों को फर्जी तौर पर बनाकर उसे बेच दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले में एसआईटी द्वारा मुज़फ्फरनगर के हिस्ट्रीशीटर विशाल कुमार को गिरफ़्तार किया गया है,जिसके विरुद्ध मुज़फ्फरनगर में 15 आपराधिक मुकदमे दर्ज है। उसके द्वारा फर्जीवाड़े में पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों के साथ मिलकर उक्त सम्पति के नकली कागज़ बना रजिस्ट्री की। पुलिस कप्तान ने बताया कि मामले की जांच कर रहे चौकी प्रभारी जाखन सुमेर कुमार द्वारा जांच के दौरान मामले में आरोपी के खिलाफ पूर्ण साक्ष्य होने पर भी मुकदमा दर्ज करने मे ढिलाई और आरोपियों को गिरफ्तार नही किया गया। चौकी प्रभारी को तत्काल पद से हटाते हुए कार्यालय सम्बद्ध किया गया है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों द्वारा राजधानी में ऐसी जमीनों की तलाश की जाती है जिनके मूल मालिक की मृत्यु हो चुकी है,या उनका कोई वारिश व परिजन नही है। प्लाट खाली पड़े हो,वह ऐसे जमीनों की जानकारी जुटाकर उनकी फर्जी कागज़ तैयार कर रजिस्ट्री करते है।
ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
राजपुर रोड जाखन स्थित भू-स्वामी श्रीमती स्वरूप रानी की भूमि विलेख में आरोपियों द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मुजफ्फरनगर निवासी मांगे राम के नाम किये गये और उन्हें भी रजिस्ट्रार रिकॉर्ड रूम में चढ़ाया गया। इस कूटरचित अभिलेख की जांच करने पर पाया कि आरोपियों द्वारा उक्त भूमि के विलेख मांगे राम के नाम तैयार करने के पश्चात इसकी मुत्योपरान्त इनकी वसीयत तैयार कर इनके पुत्र विशाल कुमार के नाम होना दर्शाया गया जिसके आधार पर यह भूमि रेखा शर्मा पत्नी संजय शर्मा को विक्रय किया गया। तत्पश्चात यह भूमि रेखा शर्मा से देहरादून निवासी कमल जिंदल को यह बेची गयी। एसआईटी टीम ने दस्तावेजों की जांचपरान्त पतारसी सुरागरसी करने हुए कल गुरुवार शाम को मुजफ्फरनगर से अभियुक्त विशाल को मु0अ0सं0 281/23 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि0 में गिरफ्तार किया गया।
विशाल कुमार प्रोपर्टी डीलिंग का काम करता है तथा उसके विरूद्ध मुजफ्फरनगर में पूर्व से कई अभियोग पंजीकृत है। आरोपी का आपराधिक इतिहास है तथा मुजफ्फनगर से हिस्ट्रीशीटर भी है। आरोपी प्रोपर्टी के सिलसिले में देहरादून आया करता था। वर्ष 2018 में उसकी मुलाकात वकील कमल विरमानी से हुई थी तथा कमल विरमानी द्वारा ही उसे जाखन में स्वरूप रानी की प्रोपर्टी दिखायी गयी थी। यह भी बताया था कि स्वरूप रानी की मृत्यु हो चुकी है और उनकी लडकियां बाहर नोएडा तथा विदेश में रहती है और कमल विरमानी द्वारा ही विशाल कुमार को वकील इमरान के पास भेजा गया। उसके पश्चात विशाल कुमार की मुलाकात के0पी0 से करायी गयी तथा इन सभी ने मिलकर वर्ष 1978 में फर्जी विलेख पत्र बनाकर जाखन स्थित प्रोपटी स्वरूप रानी से विशाल कुमार के पिता मांगेराम के नाम विलेख पत्र बनवाकर उन्हें अपने अन्य सहयोगियों की मदद से रजिस्ट्री कार्यालय में दर्ज करा दिया गया। इसके पश्चात मांगे राम के नाम से बतौर वसीयत जाखन स्थित प्रोपर्टी विशाल कुमार के नाम होना दिखाया गया और प्रोपटी को इनके द्वारा संजय शर्मा के साथ 02 करोड़ 90 लाख में सौदा तय करते हुए बतौर रजिस्ट्री संजय शर्मा की पत्नी रेखा शर्मा के नाम कर दी गयी जिसमें संजय शर्मा से इन लोगों को 45 लाख रूपये प्राप्त हुए। इन रुपयों को उपरोक्त चारों लोगो द्वारा आपस में बांट लिया गया। प्रोपर्टी के दाखिल खारिज न होने के कारण इन लोगो द्वारा पुनः उक्त भूमि को दलाल रकम सिंह के माध्यम से देहरादून निवासी कमल जिंदल को बतौर रजिस्ट्री विक्रय कर दी गयी। जिसमें इनको 40 लाख रुपये कमल जिंदल से प्राप्त हुए जिन्हें उपरोक्त सभी लोगों द्वारा आपस में बांट लिया गया।