देहरादून। उतराखंड की एआईसीसी की सूची जारी होते ही कांग्रेस में बबाल शुरू हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ने सूची मे कई वरिष्ठ नेताओं और जिलों को दरकिनार किये जाने पर प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोला है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि जिस तरह से सूची तैयार की गयी है उससे साफ है कि उनको राज्य की भौगोलिक स्थिति का भी ज्ञान नही है। सूची तैयार करने से पहले प्रदेश मे राय सुमारी नही की गयी। प्रभारी एकतरफा निर्णय ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सूची में उत्तरकाशी और चंपावत जिला पूरी तरह से नदारद है। दोनों जिलों के किसी भी नेता को सूची में स्थान नहीं दिया गया है। इससे राज्य मे कांग्रेस मजबूत के बजाय कमजोर ही होगी। सूची में शामिल गुरदीप सिंह सप्पल का नाम लेते हुए प्रीतम ने कहा, उनका उत्तराखंड की राजनीति से कोई सरोकार नहीं है, फिर भी उनका नाम है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखेंगे।
प्रीतम ने कहा कि निकाय और आम चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है। सूची में पांच विधायकों तिलक राज बेहड़, मदन बिष्ट, मयूख महर, खुशाल सिंह अधिकारी और गोपाल राणा का नाम भी शामिल नहीं है। इसके अलावा गोविंद सिंह कुंजवाल, दिनेश अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, प्रो. जीत राम, विजयपाल सजवाण, राजकुमार जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम भी शामिल नहीं हैं।
कांग्रेस की एआईसीसी सूची हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा की हकीकत: चौहान
भाजपा ने कांग्रेस की जारी एआईसीसी की सूची को लेकर वरिष्ठ नेताओं की तल्खी पर तंज कसते हुए कहा कि यही कांग्रेस की हकीकत और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की सच्चाई है। उतराखंड से बाहरी लोगों को कोटा व्यवस्था के तहत सदस्य बनाने पर कांग्रेस की पोल खुल गयी है, जिसमे वह दावा करते नही अघाती कि यात्रा मे हुजूम उमड़ रहा है।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष ने जिस तल्खी से पार्टी के फैसले पर पार्टी को कटघरे मे खड़ा किया उससे साफ है कि कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा ही दिखावा भर है। उन्होंने कहा कि उतराखंड मे कांग्रेस के पास नेताओं का अकाल या कमी है, जिस कारण अब दूसरे प्रदेशों से भी नेता सूची मे आयात कराने पड़ रहे है।
चौहान ने कहा कि बेशक, यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला हो सकता है, लेकिन अब तक दूसरे दलों या सरकारों के खिलाफ दुष्प्रचार मे जुटी कांग्रेस की कलई भी इससे खुल गयी है। उन्होंने कहा कि इससे यह भी आशंका है कि भारत जोड़ो यात्रा अथवा हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा भी कहीं इसी व्यवस्था पर तो नही चल रही है।
चौहान ने आशंका जताई कि अक्सर पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनकर चल रहे नेता और कार्यकर्ताओ के बाद भी कांग्रेस यात्रा मे हुजूम उमड़ने की बात करती रहती है जो कि कल्पना मात्र मानी जा सकती है।