देहरादून। पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण के लिए पश्चिम प्रदेश बजैहडा में आयोजित विशाल रैली मे मोर्चे के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संयोजक मंडल के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि पृथक प्रदेश कि लड़ाई को और तेजी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व मे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पास कराया था जिसमें उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के 27 जिलों को मिलाकर अलग राज्य के गठन की मांग की गई थी। उसमें बताया गया था कि इस क्षेत्र की एक जैसी समस्याओं को देखते हुए और आजादी के 78 वर्ष बाद भी यहां का सर्वांगीण विकास ना हो पाने के कारण और यहां के लोगों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। राजनीतिक आर्थिक क्षेत्रों में क्षेत्रीय लोगों की कम भागीदारी को देखते हुए अलग राज्य गठन को अनिवार्य बताया गया। पश्चिम उत्तर प्रदेश निर्माण मोर्चा नए राज्य के गठन को लेकर राज्य भर में जन सवांद कार्यक्रम चला रहा है। उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोगों से नए राज्य के गठन के लिए सड़कों पर आने का आह्वान किया है।
कर्नल सुधीर चौधरी. केंद्रीय महासचिव ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग इसलिए भी जरूरी है कि नौजवानों को रोजगार हाई कोर्ट के मसलों के लिए इंसान परेशान रहता है। छोटा राज्य अगर बन जाएगा तो उसमें सभी वर्ग को सहूलियत होगी। उन्होंने यह भी बताया कि इसमें किसान मजदूर छात्र महिलाएं एवं सभी वर्ग के लोग हिस्सा ले रहे हैं।
जाति धर्म से उठकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग को लेकर जगह-जगह आयोजन किया जा रहा है जिससे सरकार को चेताया जा सके कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश कितना जरूरी है। छोटा प्रदेश होने से पूर्वांचल और बुंदेलखंड का भी विकास होगा और हमारे राज्यों का मुकाबला हरियाणा तेलंगाना एवं कर्नाटक तमिलनाडु जैसे विकसित राज्यों के साथ होगा।
पूरे भारत को उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन से फायदा होगा। बीमार राज्यों के कलंक से बाहर निकलकर हम देश की विकास धारा में शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन से हमारे देश की जीडीपी लगभग 2% बढ़ जाएगी। पश्चिम प्रदेश शीघ्र निर्माण के लिए हम सबको मिलकर पूरी ताकत के साथ काम करना होगा।
रैली को केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री और सांसद डीपी यादव, मोर्चे के अध्यक्ष सत्यपाल सिंह यादव, केंद्रीय महासचिव कर्नल सुधीर चौधरी ने संबोधित किया। ।