देहरादून। उत्तराखंड की संगीत जगत के लिए आज बुरी खबर आयी। चैता की चैत्वाल्या, पहाड़ी अ-कापेला, नंदू मामा की स्याली, ऊडांदू भौंरा तथा ढोल दमों सहित आधा दर्जन से अधिक गीतों को संगीत देने वाले गुंजन डंगवाल का चंडीगढ़ में सड़क हादसे मे मौत हो गई।
बताया जाता है कि गुंजन डंगवाल अपने मित्र से मिलने के लिए चंडीगढ़ गए थे। वह अपने टीएचडीसी स्थित आवास से रात को अपनी कार से चंडीगढ़ के लिए निकले और हादसे का शिकार हो गये। बताया जाता हैं कि जिस मित्र के पास उन्हें पंहुचना था जब उसका संपर्क गुंजन से ही हुआ तो उसने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने ही दुर्घटना की जानकारी दी और वह खुद ही कार को ड्राइव कर रहे थे। पंचकुला मे उनकी कर डिवाइडर पर चढ गई और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
हाल ही है में पहाड़ी अ-कपेला 3 की तैयारी कर रहे थे। अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से उन्होंने लोगों को इस बारे में जानकारी दी थी। गुंजन ने अपनी मेहनत और लगन से बहुत ही कम वक्त में उत्तराखंड के संगीत जगत में अपना नाम कर लिया था। एक बेहतरीन म्यूजिक डायरेक्टर में उनका नाम था। चैत की चैत्वाल्या तथा नंदू मामा की स्यालि जैसे गीत इस समय मार्किट मे हिट चल रहे हैं।
असमय काल के गाल मे समाये इस उभरते कलाकार ने घुड़दौड़ी पौड़ी से इलेक्ट्रिक में बीटेक किया,लेकिन संगीत में रम गये। उनके पिता शिक्षक है। मुख्यमंत्री सहित अनेक नेताओं ने उनके निधन को उतराखंड के गीत,संगीत और संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति बताया।