देहरादून। विधान सभा मे हुई बैक डोर भर्ती से लगे कर्मियों को बर्खास्त करने के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने विधान सभा सचिवालय से मामले मे 4 सप्ताह मे जवाब देने को कहा है।
मामले मे बर्खास्त कर्मियों की और से हाईकोर्ट मे याचिका दायर की गयी थी जिसमे कहा गया कि उन्हें बिना कारण सेवा से हटा दिया गया है। जबकि उनकी तदर्थ नियुक्ति के बाद नियमिती करण हो चुका है। हालांकि सरकारी पक्ष का कहना था की उनकी नियुक्ति अस्थायी और तौर पर की गयी और आवश्यकता न होने पर उन्हें सेवा से हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण द्वारा तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा की गई भर्तियों को निरस्त कर दिया था। इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के जरिए की गई नियुक्तियों को निरस्त कर कर दिया था। कोर्ट ने स्पीकर के इस फैसले पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाने के अलावा कहा कि सरकार चाहे तो रेगुलर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रख सकती है। मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।