देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे के बाद एकाएक नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जिस तरह से सुगबुगाहट फैली, वह सीएम और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई मुलाकात के बाद शांत हो गयी और परिवर्तन के आकलन पर ब्रेक लग गया।
मंगलवार को सीएम धामी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि यह उस सुगबुगाहट की तपिश को भी शांत कर गयी, जिसे लेकर विरोधी सटीक विश्लेषण कर परिवर्तन के दावों को हवा दे रहे थे। शाह-धामी की यह गर्मजोशी भरी मुलाक़ात और प्रदेश मे विकास को लेकर व्यापक चर्चा ने साफ़ कर दिया कि उत्तराखण्ड में धामी सरकार अपेक्षाओं पर खरी उतर रही है।
बैठक मे मुख्यमंत्री ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए देहरादून में “साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना हेतु ₹63.60 करोड़ की मांग की, साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त विद्युत संरचनाओं को एनडीआरएफ/एसडीआरएफ के तहत मुआवज़े में शामिल करने का आग्रह भी किया। इसके अलावा सितारगंज केंद्रीय कारागार के विस्तार हेतु ₹150.16 करोड़ की परियोजना को मंजूरी देने का अनुरोध रखा गया। मुख्यमंत्री धामी ने पंतनगर-रुद्रपुर में प्रस्तावित ‘उत्तराखण्ड निवेश उत्सव’ में अमित शाह को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित भी किया।
हालांकि राज्य की सभी सरकारों के दौर मे ऐसी अटकलें आम बात रही है। सीएम के हर दौरे को लेकर आशंका और केंद्र की नाराजगी से जोड़कर परिवर्तन को लेकर खूब हवा दी जाती रही है। सीएम धामी को लेकर कई बार ऐसी अटकलें लगी हैं, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी अफवाह ही साबित हुई।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम धामी के कामकाज पर खुलकर सराहना की। शाह ने न केवल सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया, बल्कि धामी सरकार के कार्यों की खुले दिल से प्रशंसा कर स्पष्ट कर दिया कि धामी के कामों पर केंद्र को पूरा विश्वास है। दूसरी ओर भाजपा संगठन भी डबल इंजन के बेहतर तालमेल को विकास के लिए अहम बता रहा है और अब पंचायतों मे ट्रिपल इंजन को जरूरी बता रहा है।